Lohri 2023 Date: 13 या 14 इस बार किस दिन मनाई जाएगी लोहड़ी? क्या है इस त्योहार का महत्व, शुभ मुहूर्त, जानिए सबकुछ

लोहड़ी को सर्दियों के मौसम के अंत का प्रतीक भी माना जाता है क्योंकि दिन लंबे होने लगते हैं और रातें छोटी हो जाती हैं. इस बार लोहड़ी का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा. लोहड़ी वाले दिन आग में तिल, मूंगफली डालने की परंपरा है.

Lohri kab hai?
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:29 AM IST

लोहड़ी पंजाब और उत्तरी भारत के कई राज्यों में सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. लोहड़ी उन लोगों के दिलों में आशा का उत्सव मनाती है जो संभावनाओं के नए साल की प्रतीक्षा कर रहे हैं. लोहड़ी अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है. यह वह तत्व है जो स्वयं ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है. लोहड़ी त्यौहार के उत्सव के साथ फसल के मौसम की शुरुआत को चिह्नित करने की यह एक पुरानी परंपरा है. यह वह समय है जब लोग अच्छी फसल के लिए भगवान सूर्य का आभार और धन्यवाद देते हैं.

लोहड़ी की रात को साल की सबसे लंबी रात माना जाता है, जिसके बाद दिन बड़े होने लगते हैं और रातें छोटी होने लगती हैं. जैसे ही सूर्य उत्तर की ओर बढ़ता है, उसे उत्तरायण कहते हैं जो लंबी शरद ऋतु या शीतकाल के बाद होता है जो दक्षिणायन था. जैसे ही सूर्य मकर रेखा से कर्क रेखा में अपना परिवर्तन करता है, लोग लोहड़ी को सूर्य देवता और अग्नि के त्योहार के रूप में मनाते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, लोहड़ी 'पौष' के आखिरी दिन सर्दियों के अंत और 'माघ' की शुरुआत का प्रतीक है, जो ठीक उसी समय होता है जब सूर्य अपना कोर्स बदलता है और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल लोहिड़ी 13 जनवरी को पड़ती है. 

कब है लोहड़ी? 
साल 2023 में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा. जबकि लोहड़ी 14 जनवरी 2023 शनिवार को है. लोहड़ी फसलों से जुड़ा हुआ है, इसलिए यह त्योहार किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसे किसानों का नव वर्ष माना जाता है.

क्या है महत्व?
लोहड़ी के त्योहार के साथ कई प्रसिद्ध किंवदंतियां जुड़ी हुई हैं और दुल्ला भट्टी की कथा उनमें से सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. वह प्रसिद्ध राजा अकबर के शासन के दौरान रहे. उसकी पहचान एक मुस्लिम लुटेरे के रूप में बेहतर पहचान थी, फिर भी वह एक बहुत अच्छा इंसान था. दूल्ला भट्टी ने चोरी की संपत्ति को गरीबों में बांट दिया. उसने हिंदू लड़कियों को बचाने की कोशिश की और हिंदू लड़कों के साथ लड़कियों की शादी की व्यवस्था की. लोहड़ी को अग्नि और सूर्य की पूजा करके बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.लोहड़ी को लाल लोई के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन और रात में सिख और पंजाबी समुदाय के लोग आग जलाते हैं और उसमें गेहूं की मोमबत्तियां चढ़ाते हैं. इस साल लोहड़ी का मुहूर्त 08 बजकर 57 मिनट पर है.

कैसे मनाते हैं त्योहार?
लोहड़ी अग्नि और सूर्य देव की कृतज्ञता का पर्व है. लोहड़ी के दिन बॉनफायर जलाया जाता है.लोग इसके चारों ओर इकट्ठा होते हैं और गाते और नृत्य करते हैं. लोग पूजा करते हैं और प्रार्थना करते हैं और पवित्र भोजन (मूंगफली, गुड़, पॉपकॉर्न, तिल के बीज, रेवाड़ी आदि) को आग में फेंक देते हैं. इसके साथ ही सूर्य और अग्नि को धन्यवाद दिया जाता है. 

 

Read more!

RECOMMENDED