Mahashivratri 2024: इस जगह को कहते हैं भगवान शिव का ससुराल, यहां पर है दुनिया का पहला शिवलिंग

Mahashivratri: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की ससुराल कहे जाने वाले दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ. यह लोग बड़ी संख्या में पहुंच कर भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं.

Devotees reaching to temple for jalabhishek
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 08 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 9:36 AM IST
  • यहां है भोलेबाबा का ससुराल
  • दुनिया का पहला शिवलिंग 

आज पूरे देश में भोलेबाबा की धूम है. शिवभक्तों के नारों से पूरा देश शियमय हो रहा है. ऐसे में, भोले शंकर की नगरी हरिद्वार का नजारा देखते ही बनता है. यहां पर भगवान शिव की ससुराल दक्ष नगरी कनखल में भी महाशिवरात्रि की धूम जोरों पर है. कनखल में भगवान शिव की ससुराल पौराणिक दक्षेश्वर प्रजापति महादेव मंदिर और हरिद्वार के अन्य सभी शिवालयों में शिव भक्त जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. 

यहां है दुनिया का पहला शिवलिंग 
मान्यता है कि पौराणिक नगरी कनखल भगवान शंकर की ससुराल हैं. कहते हैं कि यहां स्थापित शिवलिंग दुनिया का पहला शिवलिंग है और यहां पर हुआ भगवान शंकर और माता सती विवाह दुनिया का पहला विवाह था. महाशिवरात्रि पर दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.  कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति दक्षेश्वर महादेव स्थित शिवलिंग का जलाभिषेक करता है उसे अन्य स्थान पर जल चढ़ाने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है. 

दक्षेश्वर महादेव मंदिर के महंत स्वामी विश्वेश्वर पुरी महाराज का कहना है कि शिवजी का विवाह फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को हुआ था और इसी शब्द का अपभ्रंश शिवरात्रि हो गया है. शुद्ध शब्द है शिव विवाह रात्रि. संसार में सबसे पहला विवाह शिवजी का हुआ था और आज सभी हिंदू उसी पद्धति के अनुसार विवाह करते हैं क्योंकि जैसे शिव है वैसे ही यह सृष्टि है. 

यह स्थान है बहुत महत्वपूर्ण
इस स्थान का विशेष महत्व है. यहां भगवान शिव सती माता के साथ विराजमान हैं. यहां भगवान शिव के मस्तक पर जलाभिषेक का बहुत महत्व है. लोग अपनी श्रद्धा अनुसार गंगाजल भगवान शिव को अर्पण करते हैं और पंचामृत शहद इत्यादि पंचामृत से भगवान को स्नान कराया जाता है. भक्तजन बिल्व, फूल-पत्र, मिष्ठान भी श्रद्धा के अनुसार आप भगवान को अर्पित करें. भगवान शिव यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं क्योंकि भगवान महादेव यहां विराजमान है. 

(मुदित अग्रवाल की रिपोर्ट)

 

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