Holi 2023: हर घर में मां अपने बेटे को होलिका दहन के दिन लगाती है उबटन, जानिए इसको लेकर क्या है मान्यता और नियम

मान्यता है कि होलिका दहन के दिन सरसो का उबटन बनाकर पूरे शरीर की मालिश करनी चाहिए और फिर जो मैल निकले उसे होलिका अग्नि में डाल देना चाहिए. इससे हमारा शरीर रोग मुक्त होता है और चेहरे पर कांति आती है.

होलिका दहन के दिन उबटन लगाने की है परंपरा. (फाइल फोटो)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 3:29 PM IST
  • होलिका दहन 7 मार्च 2023 को किया जाएगा
  • 8 मार्च को पूरे देश में धूमधाम से खेली जाएगी होली

होली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है. इसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल 8 मार्च 2023 को होली का पर्व मनाया जाएगा. होली से एक दिन पहले होलिका दहन होता है. ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन के दिन सरसो का उबटन बनाकर पूरे शरीर की मालिश करनी चाहिए और फिर जो मैल निकले उसे होलिका अग्नि में डाल देना चाहिए. इससे हमारा शरीर रोग मुक्त होता है और चेहरे पर कांति आती है.

यदि आपके घर में किसी सदस्य का शरीर हमेशा अस्वस्थ रहता हो या फिर लंबे समय से वह किसी शारीरिक पीड़ा से गुजर रहा हो तो उसे शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए होलिका दहन की रात काली सरसो से बने उबटन को लगाकर आग में डाल देना चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय को करने पर व्यक्ति के जीवन से जुड़े सारे रोग-दोष दूर हो जाते हैं और उसकी सेहत हमेशा अच्छी बनी रहती है.

ज्योतिष में उबटन लगाने का महत्व
ज्योतिष के अनुसार होलिका दहन के दिन घर के सभी लोग यदि हल्दी मिले हुए सरसो के उबटन का इस्तेमाल शरीर में करते हैं और शरीर से उतारे हुए उबटन को होलिका की अग्नि में डालते हैं. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से शरीर और घर में मौजूद सभी नेगेटिव एनर्जी होलिका की अग्नि में प्रवाहित हो जाती है. ज्योतिष के अनुसार उबटन में शामिल वस्तुएं गुरु शनि, शुक्र, चंद्र आदि ग्रहों का प्रतिनिधित्व करती हैं और यह सभी ग्रह सुख, समृद्धि, मानसिक शांति, भाग्य में वृद्धि और रोगों का विनाश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन ग्रहों का उपाय इस विधि के द्वारा हो जाता है और पूरे वर्ष आपका जीवन सुखी और समृद्ध बना रहता है.

उबटन लगाने का वैज्ञानिक महत्व 
त्वचा पर उबटन लगाने से जहां एक तरफ त्वचा में निखार आता है वहीं उबटन में इस्तेमाल की गई हल्दी त्वचा को कई तरह के विकारों से बचाती है. यहां तक कि यदि शरीर में किसी तरह की चोट हो तो वह भी हल्दी के प्रभाव से ठीक होने लगती है. इसलिए होलिका दहन के दिन पूरे शरीर में हल्दी का उबटन लगाया जाता है.

ऐसे बनाएं उबटन 
1. सरसो के दानों को दही, शहद, नींबू का रस और कॉर्नफ्लोर मिलाकर पीस लें.
2. इस पेस्ट को चेहरे पर लगभग 20-25 मिनट लगाकर सूखने दें.
3. इसके बाद हल्का सा तेल हाथों में लेकर मसाज करते हुए इसे छुड़ाएं.
4. सरसो के दानों को भूनकर भी उबटन तैयार किया जाता है. 
5. भूनने के बाद सरसो के दानों का पेस्ट बनाकर उसमें थोड़ा नारियल तेल मिलाएं और चेहरे पर लगाएं. 

उबटन के फायदे
1. सरसो का उबटन लगाने से त्वचा हेल्दी और चमकदार बनती है.
2. सरसो के दानें एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होते हैं, जिससे यह मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया का सफाया करते हैं.
3. सरसो में मौजूद विटामिन और एंटी-बैक्टीरियल तत्व त्वचा को हाइड्रेटेड रखने का काम करते हैं.
4. सरसो का उबटन स्किन को डीप मॉइश्चराइज भी करता है.
5. सरसो के उबटन को शरीर पर मलने से वात रोगों से मुक्ति मिलती है. 

होलिका दहन की कितनी बार परिक्रमा करनी चाहिए
हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा करने के बाद उसकी परिक्रमा का विधान है. होलिका दहन की पूजा करने के बाद भी उसकी परिक्रमा जरूर करनी चाहिए. हिंदू मान्यता के अनुसार होलिका दहन के समय उसकी सात परिक्रमा करने पर इंसान को जीवन से जुड़े सातों सुख की प्राप्ति होती है.

 

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