Jesus Christ Death: 2022 साल बाद कफन से सामने आई यीशु के निधन की असली वजह, जानिए

2022 साल बाद यीशु मसीह के निधन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. लंदन में रहने वाले पैट्रिक पुलिसिनो के एक रिटायर्ड न्यूरोलॉजिस्ट ने यीशु मसीह के कफन से ये दावा किया है

Jesus Christ Death
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 9:52 AM IST
  • यीशु मसीह के निधन को लेकर एक नया दावा किया गया है.
  • इस दावे के मुताबिक ज्यादा खून बहने की वजह से यीशु मसीह का निधन हुआ था

यीशु मसीह को आज से करीब 2022 साल सूली पर लटकाया गया था. जिस वजह से यीशू का निधन (Jesus Christ Death) हो गया था. पवित्र किताब बाईबिल के मुताबिक तीन दिन बाद यीशु मसीह वह फिर से जी उठे थे. लेकिन यीशु मसीह के निधन को लेकर एक नया दावा किया गया है. इस दावे के मुताबिक ज्यादा खून बहने की वजह से यीशु मसीह का निधन हुआ था. ये दावा एक रिटायर्ड न्यूरोलॉजिस्ट ने किया है. इस न्यूरोलॉजिस्ट ने कहा है कि यीशु के कंधे क्रॉस को ले जाने के दौरान खिसक गए थे.

बाइबल में कहा गया है कि कैसे यीशु अपनी सूली ले जाते समय गिरे थे. बाद में उनके हाथों को रोमन सैनिकों ने कील से छेद दिया था, इस वजह से खून और पानी निकला था. कई जानकारों ने इस बात की सहमति है कि जब यीशु सूली को ले जाने के दौरान गिरे थे तो हो सकता है उनके दाहिने कंधे खिसक गए हों. हालांकि, डॉक्टर से पुजारी बने पैट्रिक पुलिसिनो का मानना है कि यीशु का निधन इस घाव की वजह से ही हुआ था. 

यीशु के कफन से किया है ये दावा 

लंदन में रहने वाले पैट्रिक पुलिसिनो ने अपने सिद्धांत के बारे में एक वैज्ञानिक पत्र लिखा है और इसे कैथोलिक मेडिकल तिमाही में प्रकाशित किया है.उनका मानना है कि वह इस बात को समझा सकते हैं कि आखिर जॉन के गॉस्पल में ऐसा क्यों लिखा है कि यीशु के शरीर से 'रक्त और पानी' निकला. वह कहते हैं कि जिसे पानी कहा जा रहा है वह मस्तिष्कमेरु द्रव (Cerebrovascular Fluid) रहा होगा जो पानी जैसा ही दिखता है.

पैट्रिक पुलिसिनो ने यीशु मसीह के कफन (Shroud of Turin) पर फोरेंसिंक और चिकित्सा विशेषज्ञों के रिसर्च का खुलासा किया है.  क्रॉस से उतारने के बाद यीशु को इसी कफन में लपेटा गया था.  लेकिन सदियों से कफन की प्रामाणिकता पर सवाल उठते रहे हैं. 1578 से यीशु के कफन को इटली के एक चर्च में महफूज रखा गया है.

'कफन पर खिसका दिखा कंधा'

हालांकि कफन के असली होने को लेकर ही हमेशा मतभेद रहे हैं, 1988 में कार्बन डेटिंग से पता चला कि यह 1260 से 1390 ई. का है. वहीं 2010 में हुई एक स्टडी में ये बताया गया कि  यह कपड़ा यीशु मसीह के समय का है. कफन पर जो छाप को देखकर ये पता चलता है कि  एक व्यक्ति सीधा लेटा है, जिसके हाथ में एक गहरा जख्म था. पैट्रिक पुलिसिनो का कहना है कि कफन को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि इसमें एक कंधा खिसका हुआ है. दांया कंधा अपनी सही जगह से चार इंच खिसका है.

 

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