Saturday Fast Puja Vidhi: शनि देव की कृपा के लिए होता है शनिवार का व्रत, जानिए इसका पूजा विधान

शनिवार का व्रत हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए यह व्रत करते हैं. शनि देव की पूजा करने से जीवन में आने वाले विघ्न कट जाते हैं और सुख की प्राप्ति होती है.

How to do Shanivar Vrat (Photo: Pinterest)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 23 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 3:06 PM IST
  • शनि ग्रह को समर्पित दिन है शनिवार
  • न्याय के देवता हैं शनिदेव

शनिवार शनि देव या शनि ग्रह को समर्पित दिन है, यही कारण है कि सप्ताह के छठे दिन को हिंदी में शनि-वार कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह ग्रह बहुत महत्वपूर्ण है. शनि ग्रह दीर्घायु, एकाग्रता, तपस्या, प्रतिबंध और अनुशासन का प्रतिनिधित्व करता है. यह बीमारियों, बुढ़ापे और मृत्यु का प्रतीक है. ज्योतिषियों ने इस ग्रह को बहुत शक्तिशाली माना जाता है. उनके अनुसार यह ग्रह आपके जीवन पर गलत प्रभाव डाल सकता है. 

शनिवार का व्रत हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, जिसे शनि देव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है, और उनकी पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है. 

शनिवार व्रत की पूजा-विधि

  • शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई करें और स्नान करें. साफ कपड़े पहनें- काले या गहरे नीले रंग के. 
  • अब मंदिर में या किसी पवित्र जगह पर चौकी रखें और इस पर काले रंग का वस्त्र बिछाएं. इस पर शनि देव की तस्वीर या मूर्ति रखें. 
  • शनिवार के दिन भगवान शिव और हनुमान जी की भी पूजा की जाती है इसलिए आप इनकी भी स्थापना कर सकते हैं.
  • वेदी के सामने बैठकर पूरी श्रद्धा से व्रत करने का संकल्प लें. शनिदेव को जल चढ़ाएं और उनकी तस्वीर के सामने सरसों के तेल का दीया जलाएं.
  • शनि देव मंत्र 'ओम शं शनैश्चराय नमः' का जाप करके पूजा का आयोजन करें. शनिदेव से संबंधित वस्तुएं जैसे सरसों का तेल, काले तिल, लोहा, काले वस्त्र और नीले फूल चढ़ाएं. 
  • शनिवार व्रत कथा सुनें और शनि देव आरती करके पूजा समाप्त करें. शनिदेव को प्रसाद चढ़ाएं. 
  • शनिवार को पूरे दिन उपवास रखें और आहार संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करें. 
  • शाम के समय एक और सरसों का दीपक जलाकर शनिदेव से प्रार्थना करके पूजा करें. इस दिन शनि देव या भगवान हनुमान के मंदिर भी जा सकते हैं.
  • आमतौर पर शनिवार का व्रत सूर्यास्त के बाद पूजा के बाद खोला जाता है. आप जरूरतमंदों को भोजन करा सकते हैं या शनिदेव से संबंधित वस्तुएं दान कर सकते हैं. 

शनिवार व्रत का उद्यापन: सबसे पहले तो किसी पंडित से पुछकर ही शनिवार व्रत का संकल्प करना चाहिए. जितने दिन के लिए व्रत का संकल्प किया है उतने शनिवार व्रत करने के बाद, अगले शनिवार को उद्यापन पूजा करें. सबसे पहले घर पर शनि पूजा करें. फिर शनि देव के मंदिर जाकर उन्हें तेल चढ़ाएं और गेंदे के पुष्प अर्पित करें. शनिदेव को काली उड़द की दाल से बनी चीजों का भोग लगाएं. शनि देव की आरती उतारें और भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें. शनिवार व्रत उद्यापन के बाद दान करने का बहुत महत्व माना गया है. बिना दान किये शनिवार का व्रत के व्रत का कभी भी फल प्राप्त नहीं होता है. 

नोट: यह ध्यान रखें कि शनिवार व्रत की पूजा विधि में कुछ भिन्नताएं हो सकती हैं, इसलिए अपने गुरु या पंडित से परामर्श लेना चाहिए.

 

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