सनातन के सबसे बड़े मेले महाकुंभ में साधु-संतों के बिना उसकी कल्पना नहीं की जा सकती, जो महाकुंभ की आन बान और शान हैं. लेकिन अब इन्हीं साधु-संतों के वेश में आतंकी बड़ी साजिश रच रहे हैं. खालिस्तानी से लेकर आतंकी संगठन तक, सभी महाकुंभ में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें खलल डालने के लिए आतंकियों ने जो रास्ता चुना है, वो अघोरियों से होकर जाता है.
कहा से मिली जानकारी
पुलिस को इनपुट मिले हैं कि महाकुंभ में आतंकी साधु-संत और अघोरी की आड़ में खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं. वो मेला क्षेत्र में अघोरियों के वेश में आ सकते हैं.
ये जानकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ने उत्तर प्रदेश के गृह विभाग को एक गोपनीय रिपोर्ट में दी है.
कैसी होगी सुरक्षा
खालिस्तानी और पाकिस्तानी आतंकी, प्रॉक्सी नाम से महाकुंभ को टारगेट कर सकते हैं. उन्होंने अपने स्लीपर सेल को एक्टिव करने का काम भी शुरू कर दिया है.
यही वजह है कि महाकुंभ में सीक्रेट पुलिसकर्मियों को साधुओं के वेश में तैनात किया जा रहा है. ताकि वे मेले क्षेत्र में गतिविधियों पर नजर रख सकें. ये कुंभ मेले में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर, अखाड़ा के पंडालों में और संगम तट पर तैनात रहेंगे.
क्यों है प्रशासन चौकस
बता दें खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने महाकुंभ के दौरान आतंकी हमले की धमकी दी थी. जिसके बाद देश की सुरक्षा एजेंसियों और उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपनी कमर और कस ली है.
वहीं नसर पठान नाम के युवक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से 31 दिसंबर को धमकी दी थी. उसने कहा कि महाकुंभ में बम ब्लास्ट कर 1000 हिंदुओं को मौत के घाट उतारा जाएगा. युवक ने सोशल मीडिया पेज पर खुद को भवानीपुर, पूर्णिया (बिहार) का रहने वाला बताया है.
महाकुंभ क्षेत्र से रूस के एक संदिग्ध नागरिक को घूमते हुए पकड़ा गया है. पुलिस की जांच में पता चला है कि वीजा खत्म होने के बाद भी वो अवैध तरीके से मेला क्षेत्र में रह रहा था. वो पिछले चार महीने से चोरी-छिपे देश में रह रहा था. हालांकि पुलिस ने उसे इमिग्रेशन ब्यूरो दिल्ली को सौंप दिया है.