पहाड़ों के देवता की रूप में जाने जाने वाले विश्वनाथ जगदी शीला डोली पहाड़ों से उतरकर धर्मनगरी हरिद्वार पहुंच चुकी है. यहां डोली ने हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड में पतितपावनी मां गंगा में स्नान किया. डोली की विधिवत पूजा अर्चना कर विश्वशांति की और देव संस्कृति की रक्षा और संस्कृत भाषा के उन्ननयन की कामना की गई. ढोल दमायु और नगाड़ों की थाप पर श्रद्धालुओं के साथ उत्तराखंड के पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी की अगुवाई में पहुंची डोली का जोरदार स्वागत किया गया. पूरे विधि विधान के साथ डोली को मां गंगा में स्नान करवाया गया और पूजन किया गया. डोली का मंगला माता आदि ने स्वागत किया.
यह डोली यात्रा पिछले 24 वर्षों से लगातार चल रही है. इसके लिए 371 धाम चिन्हित किए गए हैं. इसी तरह से 1000 धाम चिन्हित करके पूरे विश्व में उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने का कार्य करना इसका मुख्य उद्देश्य है. हरिद्वार पहुंची देवडोली यहां से गंगा दशहरा के दिन विशौन पर्वत टिहरी गढ़वाल पहुंचेगी और वहां 16 जून को इस यात्रा का समापन होगा.
सभी ने मिलकर की प्रार्थना
हंस फाउंडेशन की मंगला माता का कहना है कि यह हमारा सौभाग्य है कि 25 वर्ष में अब हमें इसमें शामिल होने का मौका मिला है. पूरे हरिद्वार में आध्यात्मिक उल्लास है और मैं प्रभु से यह प्रार्थना करती हूं कि सबका मंगल हो. आगे मंगला माता ने कहा, “मंत्री प्रसाद मैथानी वर्षों से इसमें प्रयास कर रहे हैं. वे यहां से पूरे उत्तराखंड में जाकर देवालय में जाएंगे. अब 1000 ऐसी जगह चिन्हित की गई हैं जहां डोली को लेकर जाया जाएगा.
महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज का कहना है, “यह डोली यात्रा 25वें साल में लग रही है. सारे विश्व में शांति हो, कोई आपदा न आए, सभी अपने आप में खुशहाल रहें. जैसे पहले परमपिता परमात्मा की रौनक थी, वह रौनक दोबारा आए.”
16 जून को यात्रा सम्पन्न होगी
विश्वनाथ जगदी शिला डोली यात्रा के संयोजक पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी का कहना है कि विश्वनाथ जगदीश शिला डोली पूरे उत्तराखंड के भ्रमण पर निकली है. प्रतिवर्ष यह यात्रा चलती है. डोली का भ्रमण कार्यक्रम 16 जून तक है. इस दौरान डोली चारों धामों के साथ ही पूरे उत्तराखंड के विभिन्न देवालयों में साढ़े 10 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगी. बाबा विश्वनाथ जगदीशिला डोली विश्व की शांति की कामना के लिए और प्रदेश की प्रगति के लिए चलती है. 16 जून को यात्रा सम्पन्न होगी.
(मुदित अग्रवाल की रिपोर्ट)