Krishna Janmashtami 2024: पूरे देश में जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2024) को लेकर धूम है. जगह-जगह पर भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव (Janmashtami 2024) को धूमधाम से मनाया जा रहा है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है.
इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त यानी सोमवार को है. कृष्ण जन्माष्टमी के साथ भगवान कृष्ण के जन्म को खुशी से मनाने के लिए दही फांडी का भी आयोजन होता है. दाही हांडी त्योहार (Dahi Handi Festival 2024) कृष्ण जन्माष्टमी के एक दिन बाद मनाया जाता है.
दाही हांडी पर्व भादो मास के कृष्ण पक्ष की नवमी को मनाया जाता है. इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को है और दही हांडी (Dahi Handi Utsav 2024) 27 अगस्त मंगलवार को मनाया जाएगा. क्या आपको पता है दही हांडी की परंपरा कैसे शुरू हुई थी और इसे कैसे मनाया जाता है. आइए दही हांडी के बारे में सब कुछ जानते हैं.
कैसे मनाते हैं दही हंडी पर्व?
दही हांडी (Dahi Handi 2024) पर्व भादो मास के कृष्ण पक्ष की नवमी को मनाया जाता है. इस दिन पूरे देश में मंदिर, गलियों और मोहल्लों में अलग-अलग जगह पर दही, माखन, मिश्री समेत कई चीजों से भरी एक मटकी को ऊंचाई पर लटका दिया जाता है.
इसके बाद कई सारे लोग मिलकर एक-दूसरे पर चढ़कर इस मटकी को फोड़ने की कोशिश करते हैं. दही फोड़ने वाले लोगों को गोविंदा कहा जाता है.
देश में कई जगहों पर दही हांडी फोड़ने की प्रतियोगिताएं भी होती हैं. जो इस मटकी को फोड़ता है, वो जीत जाता है. कई जगहों पर दही हांडी प्रतियोगिता में लाखों का इनाम भी रखा जाता है.
कैसे शुरू हुई ये परंपरा?
दही हांडी उत्सव बताता है कि श्रीकृष्ण (Lord Krishna) अपने बचपन में कैसे थे. पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रीकृष्ण को छोटे में दही और माखन काफी अच्छा लगता थे. श्रीकृष्ण लोगों के घरो में माखन और दही की चोरी किया करते थे. इसी वजह से श्रीकृष्ण को माखन चोर कहा जाता है.
कृष्ण की इस हरकत से परेशान होकर माता यशोदा ने गांव की सभी महिलाओं को दही-माखन और दूध को ऊंचाई पर लटकाने की सलाह दी. सभी महिलाओं को लगा कि ऐसा करने से कृष्ण उनके माखन को चोरी नहीं कर पाएंगे.
भगवान श्रीकृष्ण के पास इसका भी तोड़ था. ऊंचाई पर लटकी मटकी से माखन लेने के लिए कृष्ण अपने दोस्तों के साथ जाते थे. दोस्तों के ऊपर चढ़कर भगवान श्रीकृष्ण हांडी से दही आराम से निकाल लेते थे. भगवान कृष्ण की इन लीलाओं को याद करते हुए दही हांडी उत्सव धूम-धाम से मनाते हैं.