Jaya Ekadashi 2022: इस विधि से करें जया एकादशी का व्रत, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और उपाय

सनातन धर्म में जया एकादशी (Jaya Ekadashi) का विशेष महत्व है. प्रत्येक मास में एकादशी दो बार आती है. एक शुक्ल पक्ष की एकादशी कहलाती है और दूसरी कृष्ण पक्ष की.

जया एकादशी
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:19 AM IST
  • प्रत्येक मास में एकादशी दो बार आती है
  • इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है

Jaya Ekadashi 2022: माघ शुक्ल की एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से अश्वमेघ यज्ञ के समतुल्य फल की प्राप्ति होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मान्यता ये भी है कि जया एकादशी का व्रत करने से अप्सरा को पिशाच योनि के श्राप से मुक्ति मिली थी.

सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. प्रत्येक मास में एकादशी दो बार आती है. एक शुक्ल पक्ष की एकादशी कहलाती है और दूसरी कृष्ण पक्ष की. विधिवत पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. भगवान विष्णु की कृपा मिलने से अनजाने में किये गए पापों, सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

इस बार जया एकादशी 12 फरवरी, 2022 दिन शनिवार को है. आइए जानते हैं जया एकादशी व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और पारण का समय.

जया एकादशी व्रत का मुहूर्त (Jaya Ekadashi 2022 Shubh Muhurat) 

  • जया एकादशी व्रत – 12 फरवरी 2022
  • पारण का समय और तिथि– 13 फरवरी 2022 को सुबह 06:50 से 9:00 बजे तक

जया एकादशी की मान्यताएं 

  1. इस दिन प्रातः काल में सूर्योदय से पहले स्नान कर नवीन या साफ धुले हुए वस्त्र धारण करके व्रत का संकल्प लें.
  2. इसके बाद भगवान श्री हरि विष्णु (Shri Hari Vishnu) और माता एकादशी का पूजन किया जाता है. 
  3. धार्मिक मान्यता है कि एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाना शुभ होता है. लेकिन अगर इसे सही दिशा में रखेंगे तो ही इसका लाभ होगा. 
  4. शास्त्रों के अनुसार एकादशी के दिन अपने सामर्थ्य अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को दान अवश्य दें.
  5. जया एकादशी के दिन गरीबों को पीले रंग का वस्त्र, अन्न और पीले रंग की आवश्यक वस्तुएं भेंट करें. 
  6. इस दिन भगवान विष्णु के द्वादश अक्षर मंत्र महामंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करना चाहिए.
  7. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम, श्री नारायण स्त्रोत (Vishnu Sahastranama Shree Narayana stotra) आदि का भी पाठ करना शुभ माना गया है. 

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