Kanwar Yatra 2022: कांवड़ यात्रा के लिए पहली बार हो रहा है रजिस्ट्रेशन, जानें क्या है प्रक्रिया

आगामी कांवड़ यात्रा को और अधिक सुरक्षित और आसान बनाने के लिए दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को पहली बार यात्री पंजीकरण प्रणाली की शुरुआत की. इस बार कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद कांवड़ यात्रा की शुरुआत की जा रही है.

Kanwar Yatra Registration
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 06 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:05 AM IST
  • कोरोना महामारी के कारण देश में दो साल बाद कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है
  • 14 जुलाई से हो रही है कांवड़ यात्रा की शुरुआत

कोरोना महामारी के कारण देश में दो साल बाद कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. उत्तर भारत में इसकी धूम अभी से देखने को मिल रही है. कांवड़ियों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए दिल्ली, उत्तराखंड जैसे राज्य पहले से तैयारियों में जुटे हैं.  पहली बार, दिल्ली पुलिस ने राजधानी में और उसके आसपास मौजूदा सांप्रदायिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए आगामी कांवड़ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए एक यात्री पंजीकरण प्रणाली शुरू की. 

दिल्ली पुलिस के एक प्रवक्ता का कहना है कि हर किसी के लिए रजिस्ट्रेशन करना जरूरी नहीं है. लेकिन अगर यात्री रजिस्टर करते हैं तो एक डेटाबैंक तैयार हो जाएगा. जिससे पुलिस को तीर्थयात्रियों की सहायता और सुविधा मुहैया कराने में मदद मिलेगी. साथ ही, किसी भी तरह की दुर्घटना की स्थिति में यात्री के परिवार को तुरंत सूचित किया जाएगा. 

ऐसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन 
तीर्थयात्री अपने मोबाइल फोन के माध्यम से वेबसाइट "kavad.delhipolice.gov.in" पर अपना पंजीकरण कर सकते हैं. सबसे पहले इस वेबसाइट पर जो पेज खुलेगा उस पर आपको अपना मोबाइल नंबर भरना होगा. इसके बाद आपको एक OTP आएगा. 

जिसकी मदद से आप नया पेज खोल सकेंगे और यहां आपको अपनी कुछ डिटेल्स भरकर सबमिट करनी होंगी. जिसके बाद आपको रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. आपको बता दें कि दिल्ली में कांवड़ यात्रियों के लिए 175 शिविर लगाए जा रहे हैं. ताकि तीर्थयात्री आराम कर सकें और उनके लिए कोरोना के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर सभी इंतजाम किए जा रहे हैं. 

14 जुलाई से शुरू होगी यात्रा 
इस साल श्रावण का महीना 14 जुलाई से शुरू हो रहा है और उसी दिन से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो रही है. डीसीपी (पीआरओ) सुमन नलवा का कहना है कि रजिस्ट्रेशन करने से उनके पास एक डाटाबैंक बन जाएगा. भक्तों का यह डेटाबैंक किसी भी दुर्घटना के मामले में सुविधाएं प्रदान करने और भक्तों की पहचान करने में मदद करेगा. 

 

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