Karwa Chauth Shubh Muhurt: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है. सनातन धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व है. यह व्रत करवा माता को समर्पित होता है. इस दिन विवाहित महिलाएं सुख-सौभाग्य में वृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. वर्तमान समय में कुंवारी लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं. इस बार करवा चौथ का त्योहार 1 नवंबर यानी बुधवार को मनाया जाएगा. ज्योतिषियों की मानें तो करवा चौथ पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं. आइए, शुभ मुहूर्त, कहां और कब निकलेगा चांद, इसके बारे में जानते हैं.
करवा चौथ व्रत में किसकी करते हैं पूजा
करवा चौथ व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय और भगवान गणेश की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. रात को चंद्रदर्शन और उन्हें अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
करवा चौथ शुभ मुहूर्त
करवा चौथ का व्रत बुधवार को रखा जाएगा. करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.36 बजे से लेकर शाम 6.54 बजे तक रहेगा. यानी करवा चौथ पूजन के लिए आपको सिर्फ 1 घंटा 18 मिनट का ही समय मिलने वाला है. इस दिन चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 15 मिनट बताया जा रहा है. हालांकि इसका समय अलग-अलग शहरों में एक सामान नहीं है.
करवा चौथ व्रत टाइमिंग
करवा चौथ व्रत 01 नवंबर को सुबह 06 बजकर 33 मिनट से प्रारंभ होगा और रात 08 बजकर 15 मिनट तक रखा जाएगा. व्रत की कुल अवधि 13 घंटे 42 मिनट की है. ध्यान रहे कि करवा चौथ का व्रत चांद दर्शन के बाद ही तोड़ा जाता है.
क्या है करवा चौथ की सरगी
इस दिन सुहागिनें 16 शृंगार करती हैं और पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. इसके अलावा, इस दिन बहु द्वारा अपनी सास को सरगी देने की भी परंपरा है. सरगी के जरिए सास अपनी बहू को सुहाग का आशीर्वाद देती है. सरगी की थाल में 16 शृंगार की सभी समाग्री, मेवा, फल, मिष्ठान आदि होते हैं. सरगी में रखे गए व्यंजनों को ग्रहण करके ही इस व्रत का आरंभ किया जाता है. सास न हो तो जेठानी या बहन के जरिए भी ये रस्म निभा सकती हैं.
सरगी के सेवन का मुहूर्त
करवा चौथ व्रत वाले दिन सरगी सूर्योदय से पूर्व 4-5 बजे के करीब कर लेना चाहिए. सरगी में भूलकर भी तेल मसाले वाली चीजों को ग्रहण न करें. इससे व्रत का फल नहीं मिलता है. ब्रह्म मुहूर्त में सरगी का सेवन अच्छा माना जाता है.
सर्वार्थ सिद्धि योग
करवा चौथ पर दुर्लभ शिव योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. इस योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 33 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 2 नवंबर को सुबह 04 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी. इस योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होगी.
शिव योग
करवा चौथ पर अत्यंत लाभकारी शिव योग का निर्माण हो रहा है. इस शुभ योग का निर्माण दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से शुरू हो रहा है, जो अगले दिन 2 नवंबर तक है. इस योग में करवा माता की पूजा-अर्चना करने से व्रती को कभी न नाश होने वाले फल की प्राप्ति होगी. इस समय में शुभ कार्य कर सकते हैं.
अभिषेक मुहूर्त
करवा चौथ तिथि पर भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे. ज्योतिषियों की मानें तो भगवान शिव के कैलाश पर विराजमान रहने के दौरान अभिषेक करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. इस दिन रात 09 बजकर 19 मिनट तक भगवान शिव कैलाश में रहेंगे.
करवा चौथ पूजा विधि
करवा चौथ के दिन स्नान आदि के बाद करवा चौथ व्रत और चौथ माता की पूजा का संकल्प लेते हैं. फिर अखंड सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखा जाता है. पूजा स्थल पर भगवान शिव, मां पार्वती, भगवान कार्तिकेय और गणेश की स्थापना करें. इसके बाद चौथ माता फोटो रखें और पूजा की जगह पर मिट्टी का करवा रखते हुए सभी देवी-देवताओं आह्वान करते हुए पूजा शुरू करें.
करवे में पानी भरकर उसमें सिक्का डालकर उसे लाल कपड़े से ढक दें. पूजा की थाली में सभी शृंगार की सामग्रियों को एकत्रित करके एक साथ सभी महिलाएं करवा माता की आरती और कथा सुनें. महिलाएं सोलह शृंगार कर शाम को भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कर्तिकेय, गणेश और चंद्रमा का विधिपूर्वक पूजन करते हुए नैवेद्य अर्पित करें. रात्रि के समय चंद्रमा का दर्शन करके चंद्रमा से जुड़े मंत्रों को पढ़ते हुए अर्घ्य दें.
करवा चौथ पूजा सामग्री
करवा, पूजा की थाली, छलनी, करवा माता का फोटो, सींक, जल, मिठाई, सुहाग की सभी चीजें, फूल, माला, दीपक, रोली, सिंदूर, मेहंदी, कलावा, चंदन, हल्दी, अगरबत्ती, नारियल, अक्षत और घी.
इन मंत्रों का करें जाप
ॐ गणेशाय नमः
ॐ नमः शिवाय
ॐ शिवायै नमः
ॐ षण्मुखाय नमः
ॐ सोमाय नमः
'मम सुख सौभाग्य पुत्र-पौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये'
'नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा. प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे'.
पति के हाथों से करें व्रत का पारण
पति के हाथों व्रत का पारण शुभ माना जाता है, इसलिए चंद्रदर्शन के बाद पति को देख कर उनके हाथों से जल ग्रहण कर के ही व्रत खोलें. व्रत पूजन के पश्चात बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना न भूलें. उनका आशीर्वाद ही भगवान के आशीर्वाद का रुप है.
देश के मुख्य शहरों में कब होगा चंद्रोदय
दिल्ली- रात 08:15
मुंबई- रात 08:59
कोलकाता- रात 07:45
पटना- रात 08:08
नोएडा- रात 08:14
लखनऊ- रात 08:05
बनारस- रात 08:00
गुरुग्राम- रात 08:15
गाजियाबाद- रात 08:14
चंडीगढ़- रात 08:10
लुधियाना- रात 08:12
देहरादून- रात 08:06
शिमला- रात 08:07
कानपुर- रात 08:08
प्रयागराज- रात 08:05
इंदौर- रात 08:37
भोपाल- रात 08:29
अहमदाबाद- रात 08:50
चेन्नई- रात 08:43
बेंगलुरु- रात 08:54
जम्मू- रात 08:11
मेरठ- रात 08:05
आगरा- रात 08:00
ऋषिकेश- रात 08:06
बेंगलुरु- रात 08:54
गुवाहाटी- रात 08: 22