कोरोना महामारी के चलते पर्यटन क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है. इसी में विश्व धरोहर के रूप में देखा जाने वाला खजुराहो भी इससे काफी प्रभावित हुआ है. बीते कईं सालों से यहां आने वाले पर्यटक काफी कम हुए हैं. इसकी वजह कोरोना महामारी ही है. हालांकि, खजुराहो पर पर्यटकों की इस संख्या को बढ़ाने के लिये कई योजनाएं बनाई गईं, लेकिन फिर भी यहां ज्यादा विकास नहीं हो पाया. यहां बुनियादी जरूरतों का भी काफी अभाव है.
बीते कुछ सालों में पर्यटकों की संख्या में कितनी गिरावट आई है?
ये संख्या पिछले कुछ सालों में काफी कम हुई है. साल 2021 की बात करें, तो खजुराहो घूमने वाले विदेशी सैलानियों की संख्या कुल 162 थी, जबकि इसमें देशी पर्यटक कुल 2,28, 276 थे. वहीं साल 2020 में 19,999 विदेशी सैलानी यहां आए और कुल 1,77,510 देशी पर्यटकों को खजुराहो के मंदिरों ने आकर्षित किया.
आपको बताते चलें, बीते दो साल से कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है. ये सबसे बड़ा कारण है कि खजुराहो में इस संख्या में भारी गिरावट हुई है.
कोविड-19 से पहले के आंकड़े क्या कहते हैं?
गौरतलब है कि कोविड-19 से पहले भी यहां आने वाले पर्यटकों का कुछ यही हाल था. आंकड़ों की बात करें, तो पर्यटन विभाग के अनुसार, साल 2012 के बाद से खजुराहो आने वाले विदेशी मेहमानों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. 2012 में 97,724 विदेशी पर्यटक खजुराहो आए. उसके बाद साल 2013 में 89,511, 2014 में 74,706, 2015 में 65,034, 2016 में 66,035, 2017 में 66,979, 2018 में 60,759 और साल 2019 में 51,153 विदेशी पर्यटक खजुराहो घूमने आए.
पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
जनसत्ता की रिपोर्ट के हवाले से खजुराहो के होटल व्यवसायी और टूरिस्ट गाइड गोविंद गौतम बताते है कि पर्यटकों को खजुराहो आने के लिए और इसके लिए आकर्षित करने के लिए महानगरों से संपर्क बढ़ाना होगा. इसके साथ, अगर खजुराहो में सैलानी अधिक दिन तक रुक सकें इसके लिए आसपास के पर्यटन स्थलों को सड़कों से जोड़ना बेहद जरूरी है. उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाएं. उन्होंने बताया कि अजयगढ़, कालिंजर किला, पन्ना, नेशनल पार्क और दूसरे दर्शनीय स्थलों को खजुराहो के सर्किट से जोड़ना होगा. इससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी.
बता दें, अभी सुविधाओं के अभाव में पर्यटक केवल वन नाइट स्टे यानि एक रात के लिए ही खजुराहो आते हैं. पर्यटन को संजीवीनी देने के लिए होटल और टूरिस्ट कंपनियों को रियायत भी देनी जरूरी है.