सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही धनुर्मास या खर मास शुरू हो जाता है. 16 दिसंबर से खरमास लग चुका है और इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है. लेकिन कई ऐसी भी चीजें है जिन्हें खरमास में अवश्य करना चाहिए. खरमास का समापन मकर संक्रांति पर हो जाता है. खरमास में क्या करना चाहिए उससे पहले आइए जान लेते हैं कि क्या नहीं करना चाहिए?
खरमास में क्या न करें
खरमास में किसी भी तरह का कोई नया काम नहीं किया जाता है. जैसे कि शादी-ब्याह, ग्रह- प्रवेश, नया वाहन खरीदना,नया व्यापार शुरू करना आदि जैसे काम नहीं किए जाते हैं. धनुर्मास या मलमास के दौरान प्याज, लहसुन, अंडा, मांस, मदिरा आदि का भी सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान तांबे के पात्र में पानी भी नहीं पीना चाहिए.
खरमास में क्या करें?
- खरमास में सूर्य भगवान की पूजा अतिउत्तम मानी गई है. भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए सूर्य चालिसा एवं आदित्य ह्रदयस्त्रोत का नियमित रूप से पाठ करना चाहिए. इससे कुंडली में राजयोग बनता है और करियर में उन्नति मिलती है.
- खरमास में लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है.
- सौभाग्य की प्राप्ति के लिए पूरे खरमास में रोज सुबह पीपल या बरगद के पेड़ को जल देना चाहिए. शाम के समय देसी घी का दीपक जलाएं. इससे जन्मकुंडली के सभी अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं.
- पूरे खरमास में भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी जी की विधिवत पूजा करनी चाहिए. पूजा के बाद लक्ष्मी-सूक्त एवं श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए.
- खरमास के समय व्यक्ति को एकादशी व्रत जरूर रखना चाहिए. माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.