देशभर में मकर संक्रांति का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. प्रकृति की उपासना के पावन पर्व मकर संक्रांति को लेकर देश भर में उत्साह का माहौल है. हिंदू धर्म में सूर्यदेवता से जुड़े कई प्रमुख त्योहारों को मनाने की परंपरा है. उन्हीं में से एक है मकर संक्राति, जिसमें सूर्य की उपासना की जाती है.
आपको बता दें कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य के गोचर से खरमास खत्म हो जाता है और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है. इस तरह से 16 दिसंबर 2022 से शुरू हुआ खरमास समाप्त हो गया है और अब शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो चुकी है.
शुभ मुहूर्त में हो सकेंगे विवाह
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, खरमास में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकते हैं. सगाई, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार जैसे महत्वपूर्ण काम इस मास में करना वर्जित होता है. और अगर फिर भी कोई खरमास में मांगलिक कार्य करता है तो उन्हें उनकी इच्छा अनुसार फल प्राप्त नहीं होता है और जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
लेकिन खरमास के खत्म होने के बाद ये सभी काम फिर से शुरू हो जाते हैं. इस बार शुभ मुहूर्त 15 मार्च तक रहेंगे. इसके बाद फिर से 30 दिनों के लिए खरमास लग जाएगा. इसलिए अगर किसी तरह का मंगल काम आप करना चाहते हैं तो 15 मार्च तक कर लें.
मकर संक्रांति पर करें गंगा स्नान
पौराणिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से जीवन के सारे पाप कट जाते हैं. लिहाजा, हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज से लेकर तमाम जगहों पर लोग नदियों में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं और दान करके पुण्य कमाने जुट रहे हैं. आज के दिन काली वस्तुओं और खिचडी के दान का विशेष महत्त्व है.
हिंदू वैदिक संस्कृति में मकर संक्रांति का खास महत्व है, और पूरे भारत में यह त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. ज्योतिष के अनुसार, इस दिन से ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है जिसके चलते यह दिन मनाया जाता है. इसके साथ ही, पृथ्वी अपने उत्तरी भाग में घूमना शुरू कर देती है जो दर्शाता है कि गर्मियां शुरू हो रही हैं.