नवमी तिथि देवी की ही तिथि मानी जाती है. नवरात्रि की नवमी तिथि नवरात्रि की सबसे महत्वपूर्ण तिथि है. नवरात्रि की नवमी सम्पूर्ण नवरात्रि का फल दे सकती है. इस दिन माता के सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना होती है. चैत्र मास की नवमी को भगवान राम का जन्म भी हुआ था. अतः नवमी तिथि को माँ सिद्धिदात्री के साथ श्रीराम की पूजा भी की जाती है.
नवमी पर बन रहा ये संयोग
वैसे तो राम नवमी अपने आप में ही महाशुभ संयोग है. इस बार नवमी तिथि पर बृहस्पतिवार भी है और पुनर्वसु नक्षत्र भी. इसलिये इस बार रामनवमी पर श्रीराम के जन्म नक्षत्र का संयोग भी बन गया है. इस संयोग के कारण इस दिन की गयी पूजा उपासना विशेष लाभकारी होगी. इस दिन की गयी प्रार्थना निश्चित रूप से स्वीकृत होगी. साथ ही साथ इस दिन आप नये वस्त्र और नये रत्न धारण कर सकते हैं. अगर इस महासंयोग पर आप दान करें तो और भी ज्यादा शुभ होगा.
राशि अनुसार उपाय