हरियाणा में होली का त्योहार अनोखे ढंग से मनाया जाता है. यहां 'कोड़ा मार होली' का आयोजन किया जाता है. होली पर भाभी अपने कोड़ों से देवरों को पीटती नजर आती हैं. लेकिन यह होली उतनी क्रूर नहीं है जितनी सुनने में लग रही है. आइए जानते हैं क्या है हरियाणा की कोड़ामार होली की रस्में.
कैसे मनाई जाती है कोड़ामार होली?
होली के दिन कही रंग तो कहीं पानी की बारिश होती दिखाई देती है. इसी दिन हरियाणा में कोड़ामार होली खेली जाती है. इस खास होली में भाभी के ऊपर देवरा रंग डालता है तो भाभी उसे भीगे हुए कपड़े से बने मजबूत कोड़े से मारती है. देवर भाभी के कोड़ों से बचने के लिए लाठी की मदद लेता है. वह लाठी की मदद से अपना बचाव करता है. और पानी डालकर भाभी को रोकने की कोशिश करता है.
होलिका दहन के अगले दिन हरियाणा में प्रदेश में कोड़ा मार होली खेली जाती है. इस तरह की होली की परंपरा हरियाणा में लगातार चली रही है. वहीं महिलाए होली के दिन गीत गाकर त्योहार मनाती हैं.
खास होती है कूलेरी गांव की होली
हिसार के कूलेरी गांव की होली भी इस मामले में खास होती है. होली के दिन सुबह लोग गांव के किसी चौराहे पर पर बड़े-बड़े कड़ाहों में रंग और पानी मिलाकर रख देते हैं. महिलाए रस्सी या कपड़े का कोड़ा बनाकर आती हैं. कड़ाहे के एक तरफ महिलाएं तो दूसरी तरफ युवा इकट्ठा हो जाते हैं. बारी-बारी से देवर अपनी भाभी पर रंग डालता है और भाभी उस पर कोड़ों की बरसात करती है.
लोगों की किलकारियों के बीच भाभी देवर एक दूसरे को हराने की होड़ में लग जाते हैं. देवर लगातार पानी फेंकता है और भाभी कोड़ों से उसपर हमला करती है. शोरगुल मचाते लोगों से गलियां गूंज उठती हैं. कूलेरी में भाईचारे और अपनेपन के साथ इस तरह हर साल होली का पर्व मनाया जाता है.
सेवानिवृत मयूजिक लेकचरार व राष्ट्रपति से सम्मानित राजरानी मल्हान अकसर हरियाणा की सांस्कृतिक और पारंपरिक कार्यक्रमो में भाग लेती हैं. राजरानी मल्हाल कहती हैं, "हरियाणा में होली का त्योहार दो दिन मनाया जाता है. फाग (पानी के दिन) को कोड़ा मार होली मनाई जाती है. पहले समय में रस्सी के अंदर कपड़ा लपेटा जाता था लेकिन अब कपड़े से ही कोड़ा तैयार किया जाता है."
उन्होंने बताया कि यह त्यौहार देवर-भाभी का होता है. इसमें पानी और कोड़ों के साथ होली खेली जाती है. गांव में पानी कड़ाहे में पानी भरकर फाग का त्योहार और खुशियां मनाई जाती हैं. घरों में महिलाएं खाने में हरियाणा स्टाइल में मालपुआ और बेसन के लड्डू, गुजिया, मठरी शककर पारे अन्य व्यजन तैयार करती है.