Ram Mandir: रामलला की प्राण-प्रतिष्‍ठा में पूजा कराएंगे लखनऊ यूनिवर्सिटी के ये असिस्‍टेंट प्रोफेसर...16 जनवरी से शुरू हो जाएगा कार्यक्रम

रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा का कार्यक्रम 16 जनवरी 2024 से ही शुरू हो जाएगा. इस दौरान प्रभु राम की मूर्ति का अभिषेक करने और इस पूरे कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने वाले 11 आचार्यों में लखनऊ विश्‍वविद्यालय के एक प्रोफेसर भी शामिल रहेंगे. लखनऊ विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्यामलेश कुमार तिवारी को महासचिव चंपत राय की तरफ से निमंत्रण भेजा गया है.

Shyamlesh Tiwari
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:10 PM IST

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश का माहौल राममय हो गया है. हर कोई अपने-अपने तरीके से योगदान देना चाहता है. अब इस कार्यक्रम के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी में संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ श्यामलेश कुमार तिवारी को बतौर आचार्य शामिल किया गया है. प्रोफेसर श्यामलेश कुमार तिवारी, वेदों में विशेषज्ञता रखते हैं. उन्हें अयोध्या में रामलला की मूर्ति के सप्ताह भर चलने वाले अभिषेक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए 11 वैदिक विशेषज्ञों में से एक के रूप में आमंत्रित किया गया है.

16 जनवरी से शुरू होगा कार्यक्रम
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने LU  के शिक्षक को निमंत्रण देते हुए अयोध्या में राम मंदिर में राम मूर्ति की सप्ताह भर चलने वाली प्राण प्रतिष्ठा के दौरान उपस्थित रहने का अनुरोध किया है. इसके अनुसार वाराणसी के विद्वान पंडित गणेश्वर शास्त्री और लक्ष्मीकांत दीक्षित के सुझाव पर उनके नाम को चुना गया. चंपत राय ने श्यामलेश को 15 जनवरी तक अयोध्या पहुंचने के लिए कहा है. प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू होगा.

'शुक्ल यजुर्वेद माध्यंदिना शाखा' में विशेषज्ञता रखने वाले एलयू शिक्षक ने कहा, "रामलला के अभिषेक समारोह का हिस्सा बनना मेरे साथ-साथ लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए भी बहुत बड़ा सम्मान है." पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने जानकारी दी कि “मूल ​​मुहूर्त’दोपहर 12:29:08 बजे से शुरू होगा और 12:30:32 बजे तक रहेगा. इसका मतलब है कि कुल समय केवल 1 मिनट 24 सेकंड होगा. ”

कभी कल्पना नहीं की थी
श्यामलेश कुमार तिवारी वाराणसी के बसही गांव के रहने वाले हैं. साल 2001 में वो पढ़ाई के सिलसिले में लखनऊ आए और तब से यहीं हैं. उन्होंने साल 2002-2004  के बीच पीजी की पढ़ाई पूरी की और फिर बाद में 2008 से 2011 के बीच पीएचडी की उपाधि वृंदा प्रसाद मिश्रा की निगरानी में हासिल की. श्यामलेश हर एकादशी को अयोध्या दर्शन के लिए जाते हैं. वह हमेशा मंदिर निर्माण की प्रार्थना करते थे लेकिन आयोजन के आमंत्रण को लेकर उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी. उन्होंने कहा कि ये उनके लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है.

 

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