संगम की रेती पर लगे महाकुंभ 2025 में तंबुओं की अलग-अलग कहानी हैं. तंबू के हर पंडाल में सनातन धर्म पूजा परंपराओं से जुड़ी चीज नजर आ रही है. कई पंडाल ऐसे हैं जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. पंडाल में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का भी एक पंडाल है, जो इको फ्रेंडली है. इसके साथ ही इसी पंडाल में 33 दिनों का विश्व रिकॉर्ड बनाने की शुरुआत हो गई है.
महाकुंभ में पहली बार होगा कुछ ऐसा
संगम में हो रहे महाकुंभ में पहली बार, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने वर्चुअल रियलिटी (VR) ज़ोन की शुरुआत की गई है. ये श्रद्धालुओं को 3D और वीएफएक्स तकनीकों के जरिए महाकुंभ और पौराणिक कथाओं का एक अनुभव देगा.
इस शिविर का मुख्य आकर्षण 33 दिनों यानि (15 जनवरी से 16 फरवरी) तक अखंड रुद्री पाठ और ब्रह्म ज्ञान ध्यान के जरिए विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास शुरू किया गया है. 504 से ज्यादा प्रशिक्षित ब्रह्मज्ञानी वेदपाठी, आशुतोष महाराज के शिष्य, 24x7 वैदिक मंत्रोच्चारण करना शुरू कर दिया है. इस दौरान, 432 हर्ज पर 2,561,328 मंत्रों का जाप पूरा कर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान बनाने की तैयारी है.
सिंगल-यूज प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित
संस्थान ने अपने शिविर को सिंगल-यूज प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित किया है. बांस, जूट, ताड़ के पत्तों और अन्य इको-फ्रेंडली सामग्रियों से बनाया गया है, ये शिविर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है. महाकुंभ में बने इस शिविर में सनातन धर्म के सर्वोच्च विज्ञान ‘ब्रह्म ज्ञान’ को उजागर करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. उद्घाटन कार्यक्रम में 100 से अधिक वेदपाठियों ने वैदिक मंत्रोच्चारण किया, जिसने आध्यात्मिक ऊर्जा से वातावरण को सराबोर कर दिया.
33 दिनों में 150 से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें कथाएं, कार्यशालाएं, वैदिक मंत्रोच्चारण, यज्ञ, युवा उत्सव और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल हैं. संस्थान को भारत और विदेशों से लगभग 15-20 लाख आगंतुकों के आने की उम्मीद है.
गौरतलब है कि इस महाकुंभ में देश और विदेश की कई जानी-मानी हस्तियां भाग लेंगे. इनमें उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, अभिनेता व सांसद रवि किशन, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, मशहूर गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, अभिनेता सौरभ राज जैन, लेखक संजीव सान्याल, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर साइको शायर (अभि मुंडे), और राजनीतिक विश्लेषक शांतनु गुप्ता शामिल हैं.
ये आयोजन आध्यात्मिकता,आधुनिकता और पर्यावरण संरक्षण के आदर्श को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का यह प्रयास महाकुंभ को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के साथ-साथ भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को वैश्विक मंच पर उजागर करेगा.
(आनंद राज की रिपोर्ट)