Saints of Mahakumbh 2025: महाकुंभ क्षेत्र में दिख रहे अनोखे संत, कोई फ्री में करवा रहा भोजन तो कोई घूम रहा वॉकी-टॉकी लेकर 

इस कुंभ मेले में तरह-तरह के साधु संत दिखाई पड़ रहे हैं. कोई भभूत लगाए है तो कोई माला जप रहा है, कोई भगवान की भक्ति में लीन है. लेकिन डिजिटल युग में साधु संत भी हाईटेक हो गए हैं. प्रयागराज के निरंजनी अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने अपने कई संतों को वॉकी टॉकी दे दिए हैं.

Saints of Mahakumbh
gnttv.com
  • प्रयागराज ,
  • 27 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:59 AM IST
  • लोगों को फ्री में खिला रहे हैं खाना 
  • डिजिटल युग में हाईटेक हुए साधु संत

संगम नगरी प्रयागराज में लगे माघ मेले में यूं तो लोग आकर दान पुण्य करते ही हैं, लेकिन इस कुंभ मेले में एक बाबा लगातार ऐसा दान कर रहे हैं जो लोगों के लिए एक मिसाल बन गया है. लगातार बाबा मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को मुफ्त भोजन करा कर उनका पेट भरने का काम कर रहे हैं. संगम में लगने वाले महाकुम्भ मेले में आने वाले सैकड़ो सफाईकर्मियों, कर्मचारियों और श्रद्धांलुओं, को ओम नमः शिवाय बाबा लगातार मुफ्त भोजन करा रहे हैं.

लोगों को फ्री में खिला रहे हैं खाना 
इसके लिए बाबा ने बड़े बड़े बर्तन रखवाए हैं. इनमें खाना भी बाबा खुद ही बना रहे हैं. वहीं बाबा के समर्थक भी खाना बनवाने से लेकर खिलाने तक पूरा सहयोग करते नजर आ रहे हैं. बाबा भी खाना बनाने और खिलाने में अपना हाथ बंटवाते हैं. 

डिजिटल युग में हाईटेक हुए साधु संत 
इसके अलावा, इस कुंभ मेले में तरह-तरह के साधु संत दिखाई पड़ रहे हैं. कोई भभूत लगाए है तो कोई माला जप रहा है, कोई भगवान की भक्ति में लीन है. लेकिन डिजिटल युग में साधु संत भी हाईटेक हो गए हैं. प्रयागराज के निरंजनी अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने अपने कई संतों को वॉकी टॉकी दे दिए हैं. जिससे अपनी बात को अपने लोगों से कह सकें या उनकी बात सुन सकें. उनके मुताबिक ये महाकुंभ डिजिटल महाकुंभ भी है इसलिए साधु संत भी अधुनिकिता से जुड़ रहे हैं.

इस अखाड़े में तमाम साधु संत अपने हाथ में वॉकी टॉकी लिए हैं, जिससे उन्हें एक दूसरे से जुड़े रहने में मदद मिल रही है. महाकुंभ में मोबाइल से बात करना मुश्किल होता है, कभी नेटवर्क की दिक्कत होती है तो कभी कुछ और ऐसे में वॉकी टॉकी इन्हें एक दूसरे से जोड़े रखता है. जरूरत पड़ने पर यह मेला क्षेत्र में अपने कर्मचारियों को कमांड दे सकते हैं और उनसे बात कर सकते हैं.

(पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट)


 

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