Mahashivratri 2024: 8 मार्च या 9 मार्च, महाशिवरात्रि कब ? जानिए सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Mahashivratri 2024: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दिन भक्त भगवान भोले और मां पार्वती की धूमधाम से पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस दिन जो भक्त व्रत रखते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं उन्हें भगवान शंकर का विशेष वरदान मिलता है और जीवन में खुशियां लौट आती है. 

Mahashivratri 2024
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST
  • महाशिवरात्रि पर पाएं भगवान शंकर का विशेष वरदान
  • भगवान भोले को केसर युक्त खीर का लगाएं भोग

इस साल महाशिवरात्रि कब है इसको लेकर लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ है. कुछ लोग 8 मार्च बता रहे हैं तो कुछ लोग 9 मार्च. क्योंकि इस बार फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि दो दिन पड़ रही है. 8 मार्च की रात 9:57 बजे इसकी शुरुआत और समापन अगले दिन 9 मार्च को शाम 6:17 बजे है.  कोई कन्फ्यूजन न रहे इसलिए हम आपको पंचांग के अनुसार बताने जा रहे हैं कि महाशिवरात्रि की सही तारीख क्या है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है.

सही तारीख क्या है

इस बार कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 8 मार्च की रात 9 बजकर 57 मिनट से होगी. और समापन अगले दिन यानी 9 मार्च की शाम 6 बजकर 17 मिनट पर होगा. महाशिवरात्रि पर भगवान शंकर की पूजा निशिता काल में ही की जाती है. ऐसे में इस साल 8 मार्च दिन शुक्रवार को ही महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा.

शुभ मुहूर्त

भगवान शंकर की पूजा के लिए इस बार 4 शुभ प्रहर है. पहला रात्रि प्रहर शाम 6:25 से लेकर रात 9: 28 बजे तक है. वहीं दूसरा प्रहर रात 9:28 बजे से 9 मार्च रात 12:31 बजे तक है. तीसरा प्रहर रात 12:31 से प्रातः 3: 34 बजे तक है और चौथा प्रहर प्रातः: 3:34 से प्रात: 06:37 बजे तक है.

 महाशिवरात्रि पर कैसे करें भगवान भोले की पूजा

इस दिन प्रात:काल उठें और स्नान करें. इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और श्रद्धा के साथ भगवान शंकर के व्रत का संकल्प लें. शुभ मुहूर्त में पूजा शुरू करें. ध्यान रहे कि पूजा के समय आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो. इसके बाद पंचामृत लें और भगवान भोले को स्नान कराएं.उनका प्रिय मंत्र ऊं नम: शिवाय का जाप करें.चंदन का तिलक करें. फल, फूल, बिल्व पत्र, धतूरा, चंदन, धूप व दीप से भगवान भोले की पूजा करें.

पूजा के बाद खीर का भगवान भोले को भोग लगाएं और फिर प्रसाद बांटे. यह ध्यान रखें कि जहां आपने पूजा की है वहां पूरी रात भगवान भोले के सामने दीप जलता रहे.

 

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