Makar Sankranti 2023 Date: 14 या 15 जनवरी किस दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति? रविवार को पड़ने से क्या बन रहा शुभ संयोग, जानिए

मकर संक्रांति की डेट को लेकर लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ है. इस साल मकर संक्रांति यानी की खिचड़ी का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा क्योंकि भगवान सूर्य 14 जनवरी की रात को मकर राशि में प्रवेश करेंगे और उदया तिथि के अनुसार स्नान-दान का ये शुभ समय नहीं होता है.

कब है मकर संक्रांति?
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST

नए साल की शुरुआत होते ही लोगों का आने वाले त्योहारों की डेट को लेकर कन्फ्यूजन चालू हो गया है. लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी या 15 जनवरी को? दरअसल सूर्य देव के रात्रि के समय में मकर राशि में गोचर करने के कारण कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हुई है. लेकिन हम आपका ये कन्फ्यूजन दूर करके आपको मुहूर्त से लेकर सही तारीख सब बताएंगे. इस पर्व को पोंगल (Pongal), उत्तरायण (Uttrayan), खिचड़ी (Khichdi) नाम से भी जाना जाता है.

क्या है सही तारीख?
बता दें कि जब सूर्य देव मकर राशि में गोचर करते हैं, उस समय मकर संक्रांति होती है. इस साल 14 जनवरी को रात 08 बजकर 14 मिनट पर सूर्य देव मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. ऐसे में मकर संक्रांति का क्षण 14 जनवरी को पड़ रहा है जोकि रात का समय है. रात्रि प्रहर में स्नान, दान-धर्म के कार्य करना वर्जित होता है, इसलिए 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाना सही नहीं है. उदिया तिथि की वजह से अगले दिन यानी 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी.

क्या है शुभ मुहूर्त?
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. इस दौरान स्नान और दान का विशेष महत्व है. इस दिन दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से लेकर 12 बजकर 52 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. वहीं 02 बजकर 16 मिनच से लेकर दोपहर 02 बजकर 58 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा. 

बन रहा खास संयोग
इस साल मकर संक्रांति रविवार के दिन पड़ रही है. रविवार को सूर्य देव की उपासना की जाती है और मकर संक्रांति के दिन भी सूर्य की पूजा करते हैं. ऐसे में इस बार सूर्य पूजा के लिए मकर संक्रांति का दिन और भी शुभ है. इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से उसका अधिक फल प्राप्त होगा. मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. इस दिन से खरमास का समापन होता है और विवाह, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. सूर्य जब उत्तरायण होते हैं तो धीरे धीरे दिन की अवधि बढ़ती है. सर्दी कम होने लगती है और तापमान बढ़ने लगता है.

 

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