हिंदू पंचांग के अनुसार साल का नौवां महीना मार्गशीर्ष है. मार्गशीर्ष मास अत्यंत पवित्र माना जाता है. यह महीना भगवान श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है. इसे अगहन भी कहा जाता है. इस महीने को जप तप और ध्यान के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. यह महीना इतना पवित्र है कि भगवान गीता में कहते हैं कि - महीनों में, मैं मार्गशीर्ष हूँ. इसी महीने से सतयुग का आरम्भ माना जाता है. कश्यप ऋषि ने इसी महीने में कश्मीर की रचना की थी. एक श्लोक में श्रीकृष्ण मार्गशीर्ष की महिमा बताते हैं कि इस महीने में गंगा, यमुना पवित्र नदियों में नहाने से रोग, दोष से मुक्ति मिलती है. इस बार मार्गशीर्ष का महीना 09 नवंबर से 08 दिसंबर रहेगा. मार्गशीर्ष महीने में किस किस तरह के लाभ होते हैं और इस महीने में में किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, चलिए जानते हैं.
मार्गशीर्ष महीने में होते हैं ये लाभ
- इस महीने में मंगलकार्य विशेष फलदायी होते हैं.
- इस महीने में श्रीकृष्ण की उपासना और पवित्र नदियों में स्नान विशेष शुभ होता है.
- इस महीने में संतान के लिए वरदान बहुत सरलता से मिलता है.
- साथ ही साथ चन्द्रमा से अमृत तत्व की प्राप्ति भी होती है.
- इस महीने में कीर्तन करने का फल अमोघ होता है.
मार्गशीर्ष के महीने से ऐसे चमकाएं किस्मत
- इस महीने में नित्य गीता का पाठ करें.
- जहाँ तक संभव हो भगवान कृष्ण की उपासना करें.
- तुलसी के पत्तों का भोग लगाएं और उसे प्रसाद की तरह ग्रहण करें.
- पूरे महीने "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जप करें.
- अगर इस महीने किसी पवित्र नदी में स्नान का अवसर मिले तो अवश्य करें.
इन बातों का रखें ध्यान
- इस महीने में तेल की मालिश बहुत उत्तम होती है.
- इस महीने से स्निग्ध चीज़ों का सेवन आरम्भ कर देना चाहिए.
- परन्तु इस महीने में जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए.
- इस महीने से मोटे वस्त्रों का उपयोग आरम्भ कर देना चाहिए.
- इस महीने से संध्याकाल की उपासना अवश्य करनी चाहिए.