कार्तिक पुण्य फल की प्राप्ति के लिए सबसे पावन और उत्तम महीना माना जाता है. कार्तिक मास को भगवान विष्णु की पूजा और तुलसी की पूजा के लिए सबसे खास माना जाता है. कार्तिक मास में गंगा स्नान, दीप दान, यज्ञ और अनुष्ठान परम फल देने वाले माने गए हैं. कार्तिक मास का समापन 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के साथ होगा. जानकारों का कहना है कि कुछ आसान से उपाय करके इस महीने में भगवान विष्णु की कृपा पाई जा सकती है और इसके लिए पांच नियमों पर अमल करने की सलाह दी गई है.
कार्तिक में इन 5 उपायों से प्रसन्न होंगे विष्णु
कार्तिक में तुलसी पूजा करें, अखंड पुण्य मिलेगा
इस साल तुलसी विवाह 5 नवंबर को है. कहते हैं एकादशी के दिन जिस घर में शालिग्राम का पूजन होता है उस घर में लक्ष्मी का सदैव वास रहता है. इस दिन भगवान भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम के साथ तुलसी का विवाह कराने वाले व्यक्ति के जीवन से सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं.
विलासिता से मुक्ति के लिए जमीन पर सोना चाहिए
मान्यताओं के अनुसार कार्तिक के महीने में जमीन पर सोना सुभ माना गया है. ऐसा करने से आलस्य और शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं.
भक्ति से विमुख करने वाला आचरण न करें
कार्तिक के महीने में मांस मछली का सेवन नहीं करना चाहिए. मांस मछली खाना धार्मिक दृष्टि से वर्जित माना गया है इन्हें तामसिक भोजन कहते हैं. ज्योतिष विद्वानों के अनुसार कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
कार्तिक मास में निंदा या विवाद से बचें
कार्तिक के महीने में जो लोग व्रत रखते हैं, उन्हें किसी की निंदा, अपमान या विवाद से बचना चाहिए. जितना हो सके अपने मन पर संयम रखें.
कार्तिक में दालों का सेवन नहीं करें
कार्तिक मास में उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर और राई खाने से बचना चाहिए. इससे पाचनतंत्र में गड़बड़ी और पेट संबंधी अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. कार्तिक के महीने में मूली खाना शास्त्रों में बहुत ही फायदेमंद माना गया है.
कार्तिक में दीपदान तो करना ही चाहिए लेकिन इसके अलावा अगर इन पांच नियमों का भी पालन किया जाए तो जीवन सफल हो सकता है. कार्तिक मास में ही धनतेरस, दीवाली, छठ और कार्तिक पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण व्रत त्योहार पड़ते हैं. तो आप भी श्री हरि के प्रिय कार्तिक मास में महालाभ के लिए इन 5 नियमों का आचरण करें और भगवान विष्णु की कृपा पाएं.