अनेकता में एकता! मुस्लिम महिलाओं ने जारी रखी पुरानी परंपरा, गाई भगवान राम की आरती

वाराणसी में एकता में अनेकता का एक बहुत बड़ा उदाहरण देखने को मिला है. यहां पर कुछ मुस्लिम महिलाओं ने डेढ़ दशक पुरानी परंपरा को जारी रखते हुए रामनवमी के अवसर पर भगवान श्रीराम की आरती की.

मुस्लिम महिलाओं ने गाई भगवान राम की आरती
gnttv.com
  • वाराणसी,
  • 10 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 4:09 PM IST
  • परंपरा का आज भी पालन करती है महिलाएं
  • एकता का सबक देती है महिलाएं

धर्म की नगरी काशी में रामनवमी का पर्व कुछ अलग ही अंदाज में उस वक्त नजर आया, जब मुस्लिम महिलाओं ने प्रभु श्रीराम की आरती उतारकर विश्व शांति का संदेश दिया. बीते 15 वर्षों की तरह एक बार फिर मुस्लिम महिला फाउंडेशन से जुड़ी मुस्लिम महिलाओं ने अपने कार्यालय में बकायदे राम नाम का पाठ करते हुए उनकी आरती उतारी और भगवान राम को अपना पूर्वज भी बताया.

बम धमाके से हुई थी नफरत फैलाने की कोशिश
संकट मोचन मंदिर पर जब इस्लामी आतंकवादियों ने बम धमाका कर सैकड़ों लोगों की जान ली. उस वक्त आंतकियों का मकसद हिन्दू और मुसलमानों के बीच नफरत और शक की दीवार खड़ी करना भी था. तब विशाल भारत संस्थान और मुस्लिम महिला फाउंडेशन से जुड़ी मुस्लिम महिलाओं ने संकट मोचन मन्दिर जाकर मन्दिर परिसर में हनुमान चालीसा का पाठ किया था. महिलाओं के इस कदम से नफरत की आग कम हुई थी. 

परंपरा का आज भी पालन करती है महिलाएं
उसी समय से हर रामनवमी पर भगवान श्रीराम की आरती मुस्लिम महिलाओं के लिए परंपरा बन गयी. मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में मुस्लिम महिलाओं ने हिन्दू महिलाओं के साथ मिलकर लमही के सुभाष भवन में भगवान श्रीराम और माँ जानकी की विधि विधान से आरती की.

एकता का सबक देती है महिलाएं
मुस्लिम महिलाओं ने नाजनीन अंसारी द्वारा उर्दू में लिखा भजन गाया और उर्दू में लिखी आरती को गाया. फूलों से उर्दू में श्रीराम लिखा था. सजावटी दीपक तैयार किये गए और पूरे श्रद्धा के साथ महाआरती कर नफरत फैलाने वाले कट्टरपंथियों को जवाब दिया. राजस्थान के करौली में हिंदुओं के जुलूस पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया, इससे नफरत फैल गयी. आज मुस्लिम महिलाओं ने यह संदेश भी दिया की हम सभी पूर्वजों और परम्पराओं से एक हैं. कोई हमें अलग नहीं कर सकता.

अखण्ड ब्रह्माण्ड के नायक श्री राम
इस अवसर पर मुख्य अतिथि महंत बालक दास ने कहा कि भगवान श्रीराम अखण्ड ब्रह्माण्ड के नायक हैं. कोई भी उनसे अलग नहीं. बिना राम के अखण्ड भारत के रहने वालों की कोई पहचान नहीं हैं. मुस्लिम महिलाओं द्वारा किया गया प्रयास इस्लामी कट्टरपंथियों के लिए एक सबक है, वो भी नफरत छोड़कर राम के मार्ग पर चलें तो नफरत का पात्र होने से बच जाएंगे.

दूसरे देश अलग होकर झेल रहे हैं दुर्दशा
मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि भारत भूमि का जो हिस्सा प्रभु श्रीराम से अलग हुआ, आज वह नफरत, हिंसा और गरीबी की दुर्दशा झेल रहा है. पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान सभी हिंसा की आग में जल रहे हैं क्योंकि ये सब अपने पूर्वजों से अलग हो गए. आज की तारीख में ये देश भगवान श्री राम की स्तुति करें और भगवान श्रीराम के रास्ते पर चलें तो फिर से शांति और समृद्धि पा सकते हैं. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तभी रुकेगा जब वहां के लोग सार्वजनिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें. 

(रोशन जैसवाल की रिपोर्ट)


 

 

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