काशी में एकता की होली: मुस्लिम महिलाओं ने होली खेल कर दिया भाईचारे का संदेश, गाए प्यार भरे होली के गीत

आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं जो इन भेदभावों से परे प्यार बिखेर रहे हैं. हम आपको बता रहे हैं वाराणसी की कुछ मुस्लिम महिलाओं के बारे में. जो हमेशा की तरह इस बार भी हिंदू औरतों के साथ मिलकर रंग-गुलाल उड़ा रही हैं. उन्होंने फूलों की होली खेली और होलियाना गीत गाकर एकता और भाईचारे का संदेश दिया है. 

Muslim women playing holi
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 17 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:51 AM IST
  • मुस्लिम महिलाओं ने मनायी होली
  • दिया एकता को संदेश

आज हर तरफ फिजाओं में नफरत घोलने की कोशिश की जा रही है. कहीं जात के नाम पर तो कहीं धर्म को मुद्दा बनाकर. मासूम दिलों में कड़वाहट के बीज बोने की कोशिश की जा रही है. पर कहते हैं कि उम्मीद पर दुनिया कायम है. 

आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं जो इन भेदभावों से परे प्यार बिखेर रहे हैं. हम आपको बता रहे हैं वाराणसी की कुछ मुस्लिम महिलाओं के बारे में. जो हमेशा की तरह इस बार भी हिंदू औरतों के साथ मिलकर रंग-गुलाल उड़ा रही हैं. उन्होंने फूलों की होली खेली और होलियाना गीत गाकर एकता और भाईचारे का संदेश दिया है. 

वाराणसी में मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान से जुड़ी हिंदू-मुस्लिम महिलाओं ने लमाही स्थित कार्यालय पर आपस में मिलकर होली खेलते हुए समाज को संदेश दिया.

काशी में जली नफरत की होलिका:

पूरी दुनियां में रंगों की होली होती है लेकिन काशी में दिल मिलाने की होली खेली जाती है. और नफरत की होलिका जलायी जाती है. तभी तो भूत भावन महादेव श्मशान में चिता की भस्म से होली खेलते हैं. काशी की मुस्लिम महिलाओं ने मोहब्बत के गुलाल से एक-दूसरे को सांस्कृतिक रूप से जोड़ने का संदेश भी दे दिया. वामपंथियों, कट्टरपंथियों एवं नफरतवादियों द्वारा फैलाये जा रही नफरत को काशी की मुस्लिम महिलाओं ने सुभाष भवन लमाही में मोहब्बत का गुलाल उड़ाकर कड़ी चुनौती दी. 

होली के अवसर पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन एवं विशाल भारत संस्थान ने संयुक्त रूप से “मुस्लिम महिलाओं की गुलालों की होली” कार्यक्रम का आयोजन किया. ढ़ोल की थाप, होलियाना गीतों के बीच उड़े गुलालों ने भारत की सांझा संस्कृति का संदेश दिया.  

गाए होली के गीत:

बेखौफ होकर अपने पूर्वजों के त्योहारों में शिरकत करने वाली मुस्लिम महिलायें बेहद खुश थीं. एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की बधाई दे रही थीं और गले मिलकर धर्म-जाति के भेद को मिटा रही थीं. मुस्लिम महिलाओं ने चेहरे पर गुलाल लगाया, हंसी ठिठोली की., 

ढोल की थाप पर होली के गीतों में उन्होंने काशी विश्वनाथ के साथ भगवान श्री राम, भगवान श्री कृष्ण को भी शामिल किया. प्रधानमंत्री मोदी के तस्वीर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेता इन्द्रेश कुमार की तस्वीर पर गुलाल लगाकर होली की शुभकामना दी. मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की तस्वीर पर गुलाल लगाकर होली कार्यक्रम की शुरुआत की और सुभाष मंदिर में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति पर गुलाल लगाया. 


 

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