हिंदू धर्म में पर्व और त्योहारों को धूमधाम से मनाया जाता है. अभी सावन माह चल रहा है और ऐसे में इस माह में पड़ने वाले त्योहारों का अपना एक विशेष महत्व है. सावन महीने में वैसे तो कई व्रत और त्योहार हैं लेकिन आज हम बात करेंगे नाग पंचमी की. भगवान शिव को नाग प्रिय है और नाग पंचमी का त्योहार भगवान शिव को ही समर्पित है. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि नाग पंचमी कब मनाया जाएगा तथा शुभ मुहूर्त और पूजन विधि क्या है. साथ ही आपको बताएंगे कि इस त्यौहार को इतना महत्व क्यों दिया गया है.
नाग पंचमी का महत्व
नाग पंचमी के दिन शिवभक्त नाग देवता की विशेष पूजा अर्चना करते हैं. ऐसा माना गया है कि विधिपूर्वक नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोषों से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही सांप के डसने का डर भी दूर हो जाता है. कथाओं में नाग देवता को घर का रक्षक बताया गया है. इसलिए लोग नाग पंचमी के दिन घर के प्रवेश द्वार पर नाग देवता की तस्वीर बनाते हैं. ऐसा करने से व्यक्ति को सुख की प्राप्ति होती है और घर में शांति और समृद्धि का वास होता है.
कब है नाग पंचमी
पंचांग के अनुसार इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त 2022 को है. बता दें कि यह त्योहार हर साल शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है.
शुभ मुहूर्त कब है
हिन्दू पंचांग के अनुसार पंचमी तिथि 2 अगस्त की सुबह 5 बजकर 14 मिनट से प्रारंभ होकर 3 अगस्त की सुबह 05 बजकर 42 मिनट तक रहेगी. अगर शुभ पूजा मुहूर्त की बात करें तो 2 अगस्त की सुबह 5:43 मिनट से 8:25 मिनट तक है.
पूजन विधि क्या है
नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और घर के मंदिर में दीपक जलाएं. व्रत रखने से पहले 8 नाग बनाएं. बता दें कि इस दिन अष्टनागों की पूजा की जाती है. और वो अष्टनाग हैं कुलीर, महापद्म, तक्षक, पद्म, कर्कट, वासुकि, शंख और अनन्त. ऐसा करने के बाद नाग देवता की तस्वीर पर फूल, चावल और रोली चढ़ाकर पूजा करें. इस दिन नाग देवता का अभिषेक करने से विशेष कृपा की प्राप्ति होती है. इसके बाद नाग देवता को भोग लगाएं. इसके साथ ही भगवान भोलेनाथ को भी भोग लगाएं और उससे पहले शिवलिंग पर जल अर्पित जरूर करें. इसके बाद नाग पंचमी की कथा का पाठ करें और फिर नाग देवता की आरती करें.