वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन 4 मई 2023 को नरसिंह (नृसिंह) जयंती मनाई जाएगी. धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने आधा मनुष्य व आधा शेर का शरीर धारण करके दैत्यों के राजा हिरण्कश्यप का वध किया था. आइए भगवान नरसिंह की कथा, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं.
हिरण्यकश्यप ने ब्रह्माजी को प्रसन्न कर प्राप्त किया था वरदान
कश्यप ऋषि के दो पुत्रों में से एक का नाम हिरण्यकश्यप था. उसने कठोर तपस्या से ब्रह्माजी को प्रसन्न कर आशीर्वाद प्राप्त किया था कि उसे कोई देवता, देवी, नर, नारी, असुर, यक्ष या कोई अन्य जीव मार नहीं पाएगा. जब हिरण्याक्ष का वध हुआ तो उसका भाई हिरण्कश्यप बहुत दुःखी हुआ. वह भगवान का घोर विरोधी बन गया. वह भगवान की पूजा करने वालों को कठोर दंड देता था और वह उन सभी से अपनी पूजा करवाता था. वह अपने ही पुत्र प्रहलाद को भगवान विष्णु का नाम लेने के कारण तरह-तरह का कष्ट देने लगा. हिरण्कश्यप ने प्रह्लाद को मारने के लिए कई यत्न किए, लेकिन श्रीहरि विष्णु की कृपा से वह बच जाता.
होलिका स्वयं जल गई
अंत में हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठने के लिए मनाया. होलिका को वरदान मिला था कि आग से उसका बाल भी बांका नहीं होगा. लेकिन जब होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठी, तो श्रीहरि की कृपा से वह स्वयं उस आग में जल गई और प्रह्लाद बच गया. अंत में क्रोधित हिरण्कश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को खंभे से बांध कर उसे मारने के लिए अपनी तलवार निकाली और बोला बता तेरा भगवान कहां है, प्रहलाद ने कहा कि भगवान यहीं इसी खंबे में हैं, जहां आपने मुझे बांध रखा है. जैसे ही हिरण्कश्यप ने प्रह्लाद को मारना चाहा, वैसे ही भगवान विष्णु नृसिंह का अवतार लेकर खंभे से बाहर निकल आए और हिरण्कश्यप का वध कर दिया।
पूजा विधि
1. इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
2. पूजा स्थल में एक चौकी पर लाल, श्वेत या पीला वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान नृसिंह और मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
3. भगवान नृसिंह की पूजा में पंचामृत, फल, पुष्प, पंचमेवा, कुमकुम केसर, नारियल,अक्षत व पीतांबर का प्रयोग करें.
4. भगवान नृसिंह के मंत्र ऊं नरसिंहाय वरप्रदाय नम: मंत्र का जाप करें। ठंडी चीजें दान में दें.
5. दूसरे दिन फिर पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन कराएं. इस दिन भू, गौ, तिल, स्वर्ण तथा वस्त्रादि का दान देना चाहिए.
शुभ मुहूर्त
1. सुबह 10:58 बजे से दोपहर 1:38 बजे तक.
2. संध्याकाल में शाम 04 बजकर 16 मिनट से शाम 06 बजकर 58 मिनट तक.
3. रवि योग सुबह 05 बजकर 38 मिनट से रात 09 बजकर 35 मिनट तक.
4. व्रत पारण समय 05 मई 2023 को सुबह 05:38 के बाद.
भगवान विष्णु को चढ़ाएं ये चीजें
1. भगवान नरसिंह का स्मरण करते हुए शाम को पूजा में विष्णु जी को नागकेसर चढ़ाए. अगले दिन इसे धन स्थान पर रख दें. ये उपाय धन प्राप्ति के लिए अचूक है.
2. दुश्मन हर काम में आड़े आ रहा है या फिर किसी अनजान दुश्मनों का डर हमेशा बना रहता है तो नरसिंद जयंती पर कच्चे दूध से श्रीहरि का अभिषेक करें.
3. कुंडली में कालसर्प दोष से आर्थिक, मानसिक और शारीरिक समस्याएं झेल रहे हैं तो इस दिन किसी नृसिंह मंदिर में जाकर एक मोरपंख चढ़ा दें.
4. नरसिंह भगवान पर चंदन का लेप लगाना बहुत शुभ माना जाता है. कहते हैं लंबे समय से जो व्यक्ति बीमार है उसे नरसिंह भगवान पर चढ़ाया चंदन रोगी के माथे पर लगा दें तो सेहत में सुधार होने लगता है.
5. परिवार में क्लेश हो रहे हैं, घर की सुख-शांति भंग हो गई है तो नरसिंह जयंती पर सत्तू और आटे का दान करें.