25 मई से नौतपा लगने वाला है. ज्योतिष शास्त्र की मान्यता है कि नौतपे में ही साल का सबसे ज्यादा गर्म दिन होता है. वैसे भगवान सूर्य हर महीने अपनी राशि बदलते हैं. ऐसे में मान्यता है कि जब भगवान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में पहुंचते हैं तब नौतपा लगता है.
रोहणी नक्षत्र में सूर्यदेव 15 दिनों तक गोचर करेंगे. लेकिन मान्यता है कि इन 15 दिनों के शुरुआती 9 दिनों में काफी ज्यादा गर्मी होती है. इन 9 दिनों में से भी शुरुआती 6 दिन में तापमान काफी ज्यादा होता है जबकि अंतिम 3 दिन आंधी, तूफान और तेज हवाएं चलती हैं. ज्योतिष शास्त्र मानता है कि नौतपा जितना ज्यादा तपता है, मॉनसून उतना अच्छा आता है.
कैसे करें सूर्य आराधना-
गरुड़, पद्म और स्कंद पुराण के साथ ही मान्यता और परंपराओं के अनुसार इन दिनों में किया गया दान करना शुभ माना गया है. नौतपा में दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है. नौतपा में सूर्य आराधना इस तरह से करना चाहिए.
नौतपा में गर्मी का पारा 45 से 50 डिग्री तक पहुंच जाता है. इसीलिए नौतपा के समय शिवलिंग पर, श्रीकृष्ण और विष्णु जी को ठंडा जल चढ़ाना चाहिए. भगवान को चंदन चढ़ाएं. साथ ही बाल गोपाल और विष्णु जी को चंदन का लेप करने की भी परंपरा देखी जाती है.
नौतपा में दान का फायदा-
नौतपा ज्येष्ठ महीने के शक्ल पक्ष में पड़ता है. इसीलिए इस दौरान किया गया दान साल भर अनजाने में होने वाले पाप को काट देता है. तो आइए अब आपको बताते हैं कि नौतपे में किया गया कौन सा दान आपके जीवन में खोल देता है आनंद और मोक्ष के द्वार.
नौतपा और समसप्तक योग-
नौतपा में गर्मी के बढ़ जाने से शरीर में पानी की कमी का खतरा भी रहता है. इन दिनों ठंडक देनी वाली चीजों जैसे दही, नारियल का भी दान जरूरतमंद लोगों को करना चाहिए. इससे भी पुण्य की प्राप्ति होती है. इस बार का नौतपा सम सप्तक योग भी बना रहा है. इसीलिए ज्योतिष के आचार्य मानते हैं कि इस दौरान धरती खूब तपेगी.
क्यों तपता है नौतपा-
नौतपा का ज्योतिष के साथ-साथ पौराणिक महत्व भी है. ज्योतिष के सूर्य सिद्धांत और श्रीमद् भागवत में नौतपा का वर्णन आता है. कहते हैं जब से ज्योतिष की रचना हुई, तभी से ही नौतपा भी चला आ रहा है. सनातन संस्कृति में सदियों से सूर्य को देवता के रूप में भी पूजा जाता रहा है. लोक मान्यता है कि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो आगे के दिनों में अच्छी बारिश होती है. इस बार शनिदेव के वक्री रहने से तापमान बढ़ने के संकेत है. चलिए आपको बताते हैं कि नौतपा क्यों तपता है.
नौतपा में सावधानी जरूरी-
ज्योतिष में सूर्य की इस स्थिति के कारण अशुभ संकेत मिलते हैं. इस दौरान देश के कुछ हिस्सों में दैवीय आपदाएं आ सकती हैं. अब आप ये भी जान लीजिए कि नौतपे में आपको कौन कौन से काम करने हैं और कौन से नहीं करने हैं.
मॉनसून और ग्रहों के संकेत-
नौतपे में बारिश को अशुभ माना जाता है. क्योंकि ऐसा होने से तापमान घटता है और मॉनसून कमजोर पड़ जाता है. नौतपे से पहले ही देश के कई इलाकों में बारिश हो चुकी है. लेकिन ग्रहों के संकेत बता रहे हैं कि इस बार मॉनसून जल्दी आएगा और अच्छा रहेगा.
तो नौतपे के 9 दिनों में गर्मी से खुद का खयाल रखें. बाहर निकलते समय पानी का विशेष ध्यान रखें. हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें और भगवान सूर्य का मन से ध्यान करते रहें.
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