Nirjala Ekadashi 2024: 24 एकादशियों का फल देती है निर्जला एकादशी, व्रत नियम से लेकर यहां जान लें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा विधि

Nirjala Ekadashi 2024 Date: ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है. इस दिन भगवान हरि की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. मोक्ष और दीर्घायु का वरदान मिलता है.

Lord Vishnu
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 जून 2024,
  • अपडेटेड 8:21 PM IST
  • निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की करें आराधना
  • भीमसेनी एकादशी के नाम से भी निर्जला एकादशी को जाना जाता है

साल में 24 एकादशी आती हैं. वैसे तो हिंदू धर्म में सभी एकादशी व्रत का विशेष महत्व है लेकिन निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का व्रत (Vrat) सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है. कहते हैं कि निर्जला एकादशी का व्रत 24 एकादशियों का फल देती है. जो लोग साल की सभी 24 एकादशियों का उपवास नहीं रख पा रहे हैं वे निर्जला एकादशी का व्रत रख सकते हैं.

इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है. इस साल निर्जला एकादशी का व्रत किस दिन रखा जाएगा. इसे लेकर भक्तों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. आइए जानते हैं कि इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 17 या 18 जून में किस दिन रखा जाएगा?

इस दिन है निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी कहा जाता है. शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 17 जून, दिन सोमवार को सुबह 4:43 बजे शुरू हो रही है. इसका समापन 18 जून, दिन मंगलवार को सुबह 7:28 बजे होगा. उदया तिथि के अनुसार 18 जून 2024 को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाएगा. पारण का समय 19 जून, दिन बुधवार को सुबह 5:24 मिनट से 7:28 के बीच है. निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. 

बन रहे बेहद अद्भुत संयोग 
इस साल निर्जला एकादशी के दिन बेहद अद्भुत संयोग बनने जा रहा है. निर्जला एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, शिववास के साथ हस्ता नक्षत्र रहने वाला है, जो बेहद शुभ योग है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि निर्जला एकादशी व्रत बिना अन्न-जल ग्रहण किए रखा जाता है. इस दिन भगवान हरि की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. मोक्ष और दीर्घायु का वरदान मिलता है.

क्या है पूजा विधि
1. निर्जला एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और नित्य क्रिया से आने के बाद स्नान करें.
2. पीले वस्त्र पहने और भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए व्रत का प्रण लें.
3. भगवान विष्णु की श्रद्धा पूर्वक पूजा करें.
4. पूरे दिन अन्न या जल का ग्रहण न करें.
5. ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करें.
6. रात को दीपदान जरूर करें.
7. अगले दिन भी ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान ध्यान करने के बाद जरूरतमंदों को दान दें. ब्राह्मणों को भोजन कराएं.
8. इसके बाद पारण करें और सभी को प्रसाद खिलाएं.

इन चीजों का लगाएं भोग
1. भगवान विष्णु को पीले रंग की चीजें प्रिय हैं. निर्जला एकादशी के दिन आप उन्हें केले का भोग जरूर लगाएं.
2. पीले रंग की मिठाई और मिश्री का भोग लगाना चाहिए.
3. विष्णु जी को पंचामृत का भोग लगाना चाहिए. 
4. आप निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को पंजीरी का भोग जरूर लगाएं. यह उन्हें अति प्रिय है.
5. भगवान विष्णु को मखाने की खीर बेहद प्रिय है. इसके भोग लगाने से उनकी असीम कृपा बनी रहती है.

निर्जला एकादशी के दिन क्या नहीं करें 
1. निर्जला एकादशी के दिन तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए. 
2. इस दिन तुलसी में जल अर्पित नहीं करें. 
3. निर्जला एकादशी के दिन तामसिक चीजों का सेवन नहीं करें. 
4. निर्जला एकादशी व्रत के दिन जमीन पर सोएं. 
5. निर्जला एकादशी व्रत में अन्न और जल ग्रहण नहीं करें.
6. निर्जला एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करें,
7. इस दिन बाल, नाखून और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए.
8. निर्जला एकादशी के दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. 

निर्जला एकादशी के दिन करें ये उपाय
1. निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को चंदन का तिलक जरूर लगाएं. इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आएगी.
2. इस दिन तुलसी के पौधे के पास गाय के घी से 11 दीपक जलाएं. इसके साथ ही तुलसी की 11 बार परिक्रमा करें. ऐसा करना अति शुभ माना जाता है.
3. हर परेशानी से छुटकारा पाने के लिए इस दिन भगवान विष्णु को पंजीरी का भोग लगाएं. 
4. मान्यता है कि पंजीरी में तुलसी का पत्ता डालकर भगवान विष्णु को भोग लगाने से सभी परेशानियां दूर हो जाती है. 
5. कुंडली में किसी प्रकार का दोष को दूर करने के लिए निर्जला एकादशी के दिन पानी, शरबत, वस्त्र, पीले फल, आम, तरबूज, शक्कर दान करें. 
6. निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करने से, व्रत रखने के समय ओम नमो वासुदेवाय नमः मंत्र का जप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
7. निर्जला एकादशी के दिन ब्राह्मणों को शक्कर के साथ जल के घड़े दान करने चाहिए. 


 

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