Navroz 2023: गूगल ने डूडल बनाकर दी नवरोज की बधाई, पारसी समुदाय के नए साल की परंपरा, इतिहास और महत्व को जानिए

Parsi New Year 2023: पारसी समुदाय का नए साल को नवरोज कहते हैं. ये दो शब्दों नव और रोज से मिलकर बना है. इसका मतलब नया दिन होता है. इस दिन पारसी समुदाय के लोग 3 हजार साल से मनाते आ रहे हैं. इस दिन समुदाय के लोग अपने राजा जमशेद को याद करते हैं.

गूगल ने डूडल बनाकर पारसी समुदाय के नए साल नवरोज की बधाई दी
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:15 AM IST

गूगल ने डूडल बनाकर पारसी समुदाय को नवरोज की शुभकामनाएं दी है. पारसी कैलेंडर के अनुसार नए साल की पहली तारीख को नवरोज मनाया जाात है. इसका मतलब है कि पारसी समुदाय आज अपना नया साल मना रहे हैं. पारसी समुदाय पिछले 3 हजार साल से नवरोज का पर्व मना रहा है.

गूगल ने डूडल बनाकर किया सेलिब्रेट-
पारसी कैलेंडर के नए साल को गूगल ने डूडल बनाकर सेलिब्रेट किया है. डूडल में सुंदर वसंत फूलों जैसे ट्यूलिप, डेफोडील्स, ओफ्रीस एपिफेरा और जलकुंभी को दिखाया गया है. इसका मतलब है कि वसंत ऋतु को थीम के तौर पर दर्शाया गया है. नवरोज पारसी समुदाय के लिए आस्था का प्रतीक है. नवरोज दो पारसी शब्दों नव और रोज से मिलकर बना है. जिसका मतलब नया दिन होता है.

पारसी समुदाय का नया साल है नवरोज-
पारसी समुदाय के लिए नववर्ष नवरोज यानी नया दिन आस्था और उत्साह का संगम है. इस समुदाय के लोग इस पर्व को 3 हजार साल से मना रहे हैं. इस पर्व को फारस के राजा जमशेद की याद में मनाया जाता है. राजा जमशेद ने पारसी कैलेंडर की स्थापना की थी. राजा जमशेद ने पारसी कैलेंडर में सौर गणना की शुरुआत करने वाले महान राजा थे.

इस दिन क्या करते हैं समुदाय के लोग-
इस दिन पारसी समुदाय के लोग नए कपड़े पहनते हैं और उपासना स्थल फायर टेंपल जाते हैं. पारसी लोग इस दिन राजा जमशेद की पूजा करते हैं और उसके बाद एक-दूसरे को नए साल की बधाई देते हैं. इस दिन लोग घरों के बाहर रंगोली बनाते हैं. घर में पकवान बनाए जाते हैं. पारसी समुदाय दुनिया में अल्पसंख्यक समुदाय में आता है. लेकिन आज भी ये समुदाय अपनी परंपराओं को बनाए रखा है.

पारसी समुदाय में 360 दिन का क्यों होता है साल-
पारसी समुदाय में एक साल में 360 दिन ही होते हैं, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक एक साल में 365 दिन होते हैं. आखिरी के 5 दिन गाथा के तौर पर माना जाता है. इस दौरान पारसी लोग अपने पूवर्जों को याद करते हैं. 

क्या है नवरोज से जुड़ी मान्यताएं-
पारसी समुदाय में चंदन की लकड़ी को शुभ माना जाता है. नए साल के पहले दिन समुदाय के लोग चंदन की लकड़ी को घर में रखते हैं. उनका मानना है कि चंदन की लकड़ियों की सुगंध फैलने से हवा शुद्ध होती है. पारसी समुदाय के लोग मंदिर में फल, चंदन, दूध और फूल चढ़ाते हैं. उपासना स्थल पर चंदन की लकड़ी अग्नि को समर्पित की जाती है.

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