Pawan Path: बनकर तैयार हुआ पावन पथ सर्किट, काशी भैरव से लेकर नव दुर्गा तक, श्रद्धालुओं को मिलेगा 10 पौराणिक यात्राओं का अवसर

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बहुप्रतिक्षित Pawan Path बनकर तैयार है जो काशी के पौराणिक और महत्वपुर्ण मंदिरों का सर्किट है और इसमें आपको 10 पौराणिक यात्राएं करने का अवसर मिलेगा.

Pawan Path Circuit
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 21 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:24 PM IST
  • पौराणिक महत्व की पावन पथ यात्रा
  • काशी-मथुरा-अयोध्या में पर्यटक बढ़ाने की नीति

काशी में पावन पथ सर्किट का जीर्णोद्धार होने के बाद नया मार्ग बन कर तैयार है. इस मार्ग के निर्माण में 24.34 करोड़ की लागत आई है. धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से ख़ास इस सर्किट के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के बाद लोग पावन पथ के 101 मंदिरों, घाटों, कूपों और वृक्षों के दर्शन ज़्यादा सुगमता से कर पाएंगे.

पीएम मोदी 22-23 फ़रवरी को प्रस्तावित काशी दौरे पर इसका लोकार्पण कर सकते हैं. काशी कॉरिडोर बनने के बाद काशी में श्रद्धालुओं की संख्या पहले से कई गुना बढ़ी है. ऐसे में प्राचीन और प्रसिद्ध ‘पावन पथ यात्रा’ के लिए अलग से सर्किट बना कर धार्मिक पर्यटन को और बढ़ाने की योजना तैयार की गयी थी.

पौराणिक महत्व की पावन पथ यात्रा
आपको बता दें कि काशी की पावन पथ यात्रा का पौराणिक महत्व है क्योंकि इसमें 10 यात्राएं शामिल हैं. इस यात्रा मार्ग को घेरते हुए पावन पथ सर्किट बनाया गया है.  इस यात्रा मार्ग में पड़ने वाले 101 मंदिरों के साथ-साथ धार्मिक मान्यता वाले घाट, कुंड, तालाब , कूप, प्राचीन वृक्षों को भी संरक्षित किया गया है. पहले चरण में पावन पथ का पुनरुद्धार लगभग 24.34 करोड़ रुपए से हुआ. इसमें यात्रा मार्गों पर 100 स्तम्भ भी लगाए जा रहे हैं. 12-15 फ़ीट के इन सभी स्तम्भों पर अलग-अलग यात्रा दिशाओं का जानकारी होगी. 

पावन पथ बनकर तैयार

काशी में प्रवेश करते ही मिलेगी पावन पथ सर्किट की जानकारी:
काशी की धरती पर कदम रखते ही 'पावन पथ सर्किट' का पथ प्रदर्शक मिल जाएगा. जिस पर अलग-अलग दिशा में काशी की सभी दस पावन पथों की सम्पूर्ण जानकारी अंकित मिलेगी. पावन पथ सर्किट में 10 यात्राओं- अष्ट भैरव यात्रा, नव गौरी यात्रा, नव दुर्गा यात्रा, अष्टविनायक यात्रा, अष्ट प्रधान विनायक यात्रा, एकादश विनायक यात्रा ,द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा, काशी विष्णु यात्रा, द्वादश आदित्य यात्रा, और काशी की चार धाम यात्रा शामिल हैं.

ये सभी यात्राएं प्राचीन और पौराणिक महत्व की हैं. पर समय के साथ जानकारी न होने की वजह से इनपर श्रद्धालुओं को सुविधाएं नहीं मिल पाईं. इन धार्मिक यात्राओं के मार्ग को संरक्षित करने से लोगों को इसका लाभ मिलेगा और काशी में श्रद्धालुओं की संख्या में भी इज़ाफ़ा होगा.

हर स्थल की मिलेगी जानकारी


काशी-मथुरा-अयोध्या में पर्यटक बढ़ाने की नीति:
उत्तर प्रदेश सरकार ने धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के स्थलों के पुनरुद्धार की बड़ी योजना तैयार की है. अयोध्या -काशी-मथुरा को एजेंडे में टॉप पर रखा गया है. उसके साथ ही अन्य धार्मिक महत्व के स्थलों का विकास भी किया जा रहा है. उन्हीं में पावन पथ सर्किट भी शामिल है.

पीएम नरेंद्र मोदी भी कई बार यह कह चुके हैं कि 'काशी आने वाला तीर्थ यात्री काशी के किसी भी धार्मिक पहलू से वंचित नहीं रह पाए.' इसी के तहत यूपी सीएम ने इस सर्किट को तैयार करने की पहल की. पावन पथ यात्रा के प्रत्येक मार्ग की शुरुआत और यात्रा के अंतिम पड़ाव पर भव्य द्वार व स्तम्भ होगा. 

यात्रा पथ पर मिलेंगी सुविधाएं:
वाराणसी में तीर्थयात्रियों के अलावा देश और विदेश से भी पर्यटक आते हैं, जो काशी की इन ख़ास पौराणिक बातों को समझना चाहते हैं. इसके लिए मानचित्र और संबंधित स्थल का इतिहास, आसपास के क्षेत्रों और तीर्थ स्थलों की सम्पूर्ण जानकारी, स्थानीय लोक साहित्य के स्टॉल, और पौष्टिक खान-पान के स्टॉल भी होंगे. पावन पथ पर रात में भी आसानी से जाया जा सकता है. इसके लिए बेहतर रोशनी की व्यवस्था, और जगह-जगह विश्राम स्थल भी होंगे. 

पावन पथ पर बनाए गए स्तंभ

इस योजना के मूर्त रूप लेने से धार्मिक पर्यटन उद्योग नई उड़ान भरेगा. प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति, मुकेश मेश्राम ने बताया कि यूपी में सबसे ज़्यादा पर्यटक आ रहे हैं. उसमें इन धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों का बहुत महत्व है. हर स्तर पर यहां आने वालों को अच्छा अनुभव हो इसकी कोशिश की जा रही है. जानकारी के अनुसार पीएम मोदी अपने दौरे में संत रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धन जा सकते हैं, यहां पर संत रविदास की नयी 25 फ़ीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण प्रस्तावित है. 

 

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