Mahakumbh 2025: पुलिस का चप्पे-चप्पे पर पहरा, जवानों की कराई जा रही ड्रिल.. सुरक्षा व्यवस्था पर बोले DIG

45 दिन चलने वाले महाकुंभ में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. ऐसे में श्रद्धालुओं को इतनी बड़ी भीड़ को संभालना एक मुश्कलि काम हो सकता है. लेकिन पुलिस ने इसके लिए अपनी कमर कस ली. साथ ही किस प्रकार से अमृत स्नान करवाया जाएगा. इसको लेकर जवानों की मॉक ड्रिल भी की जा रही है.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:09 AM IST

महाकुंभ 2025 के लिए पुलिस और प्रशासन दोनों चाक चौबंध हैं. चप्पे-चप्पे पर जवानों को तैनात किया गया है. इसके अलावा ड्रोन और सादे लिबास में पुलिस कर्मी भी तैनात हैं. निगरानी के लिए पुलिस के साथ-साथ अर्धसेनिक बलों के जवानों को भी तैनात किया गया है. महाकुंभ में पुलिस के तमाम बड़े आला अधिकारी मौजूद हैं. 

कुंभ का यह 45 दिनों तक चलने वाला महा उत्सव जिसमें करोड़ों लोग जुटने वाले हैं. यहां करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. ऐसे में सुरक्षा को और मजबूत बनान जरूरी हो जाता है. साथ ही यहां कई तिथियों को स्नान भी होगा और इतनी बड़ी संख्या में आने वाली भीड़ को संभालना भी है. तो पुलिस के लिए यह काफी जरूरी हो जाता है कि वह सुरक्षा के इंतजामों को पुख्ता रखे. जिससे यहां आने वाले किसी भी श्रद्धालु को परेशानी का सामना ना करना पड़े.

क्या बोले मेला क्षेत्र के डीआईजी
डीआईजी साहब का कहना है कि मॉक ड्रिल करवा कर जवानों को समझाया जा रहा है कि किस प्रकार उन्हें काम करना है. यह ड्रिल एक्चुअल फोर्स के साथ की जा रही है. ताकि उन्हें चीज़े बेहतर तरीके से समझ आ सकें. साथ ही अमृत स्नान के दौरान किस रास्ते से श्रद्धालु आएंगे और किस रास्ते से उनको लेकर जाना है, यह सब जवानों को बताया जा रहा है. अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के आने पर उन्हें संभालने के लिए तैयारियां भी की गई हैं. साथ ही कोई श्रद्धालु खो ना जाए, इसके लिए रास्तों में चिह्न भी लगाए गए है.

जल पुलिस के साथ थल पुलिस भी एक्शन में
पुलिस बल अखाड़ों के साथ-साथ चलेंगे. जिससे कि सुरक्षित और बिल्कुल अच्छे महौल में उनका स्नान संपन्न हो सके जो सदियों पुरानी परंपरा है. भारत के इस महाकुंभ में अमृत स्नान को कैसे सुरक्षित रूप से पूर्ण किया जा सके. यह पुलिस के सामने एक बड़ा सवाल भी है. इसके लिए घुड़सवार दस्ता भी तैनात है. यानी घुड़सवार दस्ता भी साथ-साथ चलेगा. हालांकि जब अमृत स्नान के लिए अखाड़ों के जलूस चलते हैं तो शोभा यात्रा चलती है. उनके अपने रथ में हाथी-घोड़े होते हैं. ऐसे में ये जरूरी होता है कि पुलिस बल भी अपने गुड़सवार दस्ते के साथ तैनात रहे. ताकि किसी भी स्थिती से निप्टा जा सके.


 

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