Kumbh Mela 2025: महाकुंभ की जबरदस्त तैयारी! 40 हजार खंभों की जीओ टैगिंग होगी, लाइट जाने पर भी नहीं होगा अंधेरा

जीओ टैगिंग के जरिए बिजली विभाग को ये पता चल सकेगा कि किस रोड पर कितनी इंफ्रा लगी थी और साथ ही कोई श्रद्धालु अपनी लोकेशन भी जान सकता है और दूसरों को बता भी सकता है.

Prayagraj Kumbh Mela
gnttv.com
  • प्रयागराज,
  • 12 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:49 PM IST
  • किसी भी स्थिति में अंधेरा नहीं होगा
  • पूरे मेले में बिजली की निर्बाध आपूर्ति 

केंद्र और प्रदेश सरकार डिजिटल कुंभ का बढ़ावा दे रही है. कुंभ में कई डिपार्मेंट डिजिटल तकनीक का प्रयोग भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में इलेक्ट्रिक डिपार्मेंट भी मेले में लगे तकरीबन 40 हजार खंभों की जीओ टैगिंग करने के साथ उनपर क्यूआर कोड भी लगाने जा रहा है. इसके पीछे डिपार्टमेंट का मकसद ये है कि अगर किसी भी श्रद्धालु, साधु संत या कल्पवासी को बिजली की कोई समस्या होती है तो वो क्यूआर कोड स्कैन करके, गूगल फॉर्म के जरिए डिजिटली अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है. शिकायत ऑनलाइन प्रणाली से स्वतः बिजली विभाग को मिल जाएगी, जिसपर तुरंत करवाई हो जाएगी.

श्रद्धालु को होगी सुविधा
जीओ टैगिंग के जरिए बिजली विभाग को ये पता चल सकेगा कि किस रोड पर कितनी इंफ्रा लगी थी और साथ ही कोई श्रद्धालु अपनी लोकेशन भी जान सकता है और दूसरों को बता भी सकता है. खभों पर लगे कोड की वजह से जहां एक ओर बिजली विभाग तुरंत उपभोक्ताओं की शिकायत का समाधान कर सकेगा, तो वही खंभे पर लगे क्यू आर कोड के जरिए खोया हुआ व्यक्ति अपने मोबाइल से पास लगे खंभे के क्यू आर कोड को दूसरे आदमी के पास भेज देगा. दूसरा व्यक्ति उस कोड की मदद से आराम से उसे तक पहुंच सकेगा.

किसी भी स्थिति में अंधेरा नहीं होगा
महाकुंभ 2025 के दौरान मेले से लेकर रेलवे स्टेशन तक इलेक्ट्रिक सप्लाई जाने पर भी अंधेरा नहीं होगा और सभी लगी लाइटें जलती रहेंगी. इलेक्ट्रिक सिटी डिपार्मेंट के अधीक्षण अभियंता मनोज गुप्ता के मुताबिक इस बार महाकुम्भ में सोलर हाइब्रिड लाइट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो धूप और बिजली दोनों से चार्ज हो सकेगी. यह लाइट मुख्य सड़कों, संगम क्षेत्र और मेला स्थल पर लगाई जा रही है. हाइब्रिड लाइट की खासियत है कि अगर धूप न हो तो यह बिजली से चार्ज होकर काम करेगी. इससे किसी भी स्थिति में अंधेरा नहीं होगा. सर्दियों में धूप की कमी और अचानक इलेक्ट्रिक ब्रेक होने को ध्यान में रखते हुए इसका प्रयोग किया जा रहा है. दो हजार से अधिक सोलर हाइब्रिड लाइटें प्रयागराज में लगाई जाएंगी, जिससे पूरे क्षेत्र में रोशनी बनी रहे. कुंभ मेले में हाइब्रिड लाइट्स का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है.

हाइब्रिड लाइट का बैक अप 12 घंटे का
इलेक्ट्रिक डिपार्टमेट कई नए सोलर हाइब्रिड लाइट्स लगा रहा है, जो सोलर और बिजली दोनों से चार्ज होती हैं, रात में ये लाइट बिजली से चार्ज होगी और दिन में सूर्य के प्रकाश से. दरअसल कई बार कोहरा होने के चलते सोलर लाइट उपलब्ध नहीं होती ऐसे में ये हाइब्रिड लाइट बिजली से भी चार्ज होगी. हाइब्रिड लाइट का बैक अप 12 घंटे का होगा. खास बात ये है कि सूर्य की रोशनी में ये लाइट अपने आप बंद हो जाएगी और अंधेरा होने पर जल जायेगी. पूरे कुंभ मेले में 50 हजार इलेक्ट्रिक खंभे होंगे जिनपर 67 हजार एलईडी लाइट लगाई जा रही है.

पूरे मेले में बिजली की निर्बाध आपूर्ति 
कुंभ मेले को सुरक्षित कुंभ बनाने के लिए मेले में पूरी वायरिंग एमसीबी के जरिए कण्डूट (हिडन ) वायरिंग की जा रही है ताकि शॉर्ट सर्किट की वजह से कोई आगजनी की घटना न हो सके. पूरे मेले में बिजली निर्बाध आपूर्ति के लिए लगभग 1400 किलोमीटर एलटी लाइन के अलावा 11 केवी की 182 किलोमीटर लाइन खड़ी की जा रही है. मेले में 85 उपकेंद्रों पर 180 ट्रांसफार्मर 400 केवी के लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा अखाड़ों के लिए अलग से 14 ट्रांसफार्मर 250 केवीए के लगाए जा रहे हैं. 100 केवीए के 128 ट्रांसफार्मर भी महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाए जा रहे हैं.

-आनंद राज की रिपोर्ट

Read more!

RECOMMENDED