महाकुंभ का पहला अमृत स्नान: 144 साल पर बन रहा है महाकुंभ का अद्भुत संयोग, स्नान में जाते समय अखाड़ों में शामिल नहीं होंगे हाथी और ऊंट

अखाड़ों के स्नान के क्रम के संबंध में रविन्द्र पुरी ने बताया कि सबसे पहले निर्वाणी अखाड़ा और अटल अखाड़ों स्नान करने जाएंगे. उसके बाद निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा स्नान करने जाएंगे.

Mahakumbh 2025
उदय गुप्ता
  • प्रयागराज,
  • 14 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST
  • महाकुंभ का पहला अमृत स्नान आज
  • 144 साल पर बन रहा है महाकुंभ का अद्भुत संयोग

पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ प्रयागराज महाकुंभ का आगाज हो चुका है. मकर संक्रांति की सुबह यानि आज महाकुंभ का पहला अमृत स्नान है. जिसमें संगम तट पर करोड़ों की तादात मे श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे हैं. विभिन्न अखाड़ों के साधु संत और संन्यासी भी अमृत स्नान में हिस्सा लेने के लिए संगम पहुंचे हैं.

अमृत स्नान की तैयारी पूरी
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी नें बताया कि अमृत स्नान की तैयारी पूरी कर ली गई है और हमारा प्रयास है कि बिना किसी वाद-विवाद के यह अमृत स्नान संपन्न हो. उन्होंने बताया कि अमृत स्नान के दौरान अखाड़ों के साधु सन्यासी और नागा साधु स्नान के लिए जाएंगे तो उनके साथ हाथी और ऊंट नहीं रहेंगे. यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योकि स्नान के लिए पीपे के पुल से गुजरना हैं. उन्होंने बताया कि प्रयास है कि अखाड़ों का स्नान जल्दी संपन्न हो जाए ताकि आम श्रद्धालु भी सुविधाजानक तरीके से स्नान कर सकें.


किस क्रम में अखाड़े करेंगे अमृत स्नान
अखाड़ों के स्नान के क्रम के संबंध में रविन्द्र पुरी ने बताया कि सबसे पहले निर्वाणी अखाड़ा और अटल अखाड़ों स्नान करने जाएंगे. उसके बाद निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा स्नान करने जाएंगे. इसके बाद जूना, आवाहन और अग्नि अखाढ़ा के सन्यासी स्नान करेंगे. रबिन्द्र पुरी ने आगे बताया कि सबसे पहले शैव संप्रदाय के अखाड़े स्नान करेंगे. इसके बाद सभी बैरागी अखाड़ों का स्नान होगा. उसके बाद उदासीन और सबसे अंत में निर्मल अखाड़े का स्नान होगा.

महाकुंभ का पहला अमृत स्नान
रवींद्र पुरी ने बताया कि प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ मे 144 साल बाद अद्भुत संयोग लग रहा है. यह प्रयागराज का क्षेत्र है जहां पर 33 करोड़ देवी देवताओं का वास है. उन्होंने बताया कि इस बार महाकुंभ स्नान करने वाले लोगों को विशेष फल प्राप्त होगा. महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) मंगलवार सुबह 6.15 बजे से शुरू हुआ. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 10 बजे तक 1 करोड़ 38 लाख श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं.

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