प्रयागराज में 6 जनवरी 2023 से आयोजित हो रहे माघ मेले की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं. योगी सरकार 2023 के माघ मेले को जनवरी 2025 में लगने वाले महाकुंभ के रिहर्सल के तौर पर पेश करने की तैयारी कर रही है. संगम में श्रद्धालुओं के स्नान के लिए घाट बनाए जा रहे हैं. कल्प वासियों को रहने और पीने के लिए शुद्ध व निर्मल जल की व्यवस्था की जा रही है.
माघ मेले में संतो-महात्माओं का आना शुरू हो गया है. उनके रहने के लिए पंडाल बन रहे हैं. संत महात्मा भी यूपी सरकार के इस सालाना लगने वाले धार्मिक मेले की तारीफ कर रहे है.
ये हैं स्नान की शुभ तारीखें
इस माघ मेले में 6 जनवरी को पौष पूर्णिमा का स्नान होगा. 14 और 15 जनवरी को मकर संक्रांति, 21 जनवरी को मौनी अमावस्या और 26 जनवरी को बसंत पंचमी का स्नान होगा. वहीं, 5 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का स्नान होगा.
मेला अधिकारी अरविंद सिंह चौहान के मुताबिक इस बार लगभग 700 हेक्टेयर में 6 सेक्टर में माघ मेला बसाया गया है. हर सेक्टर में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ एक डिप्टी एसपी की भी तैनाती की गई है. साधु-संतों और कल्प वासियों को उनके सेक्टर में ही सुविधाएं मिलें इसकी व्यवस्था की गई है. वेंडिंग जोन में फसाड लाइटिंग लगेगी ताकि मेले में एकरूपता हो.
माघ मेला झांकी है, महाकुंभ अभी बाकी है
मेला अधिकारी के मुताबिक, सीएम योगी ने 2025 के महाकुंभ की रिहर्सल के तौर पर माघ मेले को पेश करने का निर्देश दिया है. जिसके चलते पूरी तरह से पॉलिथीन-फ्री माघ मेला कराया जाएगा. पूरे मेला क्षेत्र में 10 सुविधा केंद्र बनाए गए हैं. इन केंद्रों पर तैनात कर्मचारी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं, कल्प वासियों और साधु-संतों को गाइड करेंगे. मेला क्षेत्र के आस-पास की बिल्डिंग पर लाइटिंग कराई जाएगी ताकि रात के वक्त भव्य नजारा दिखे.
माघ मेला क्षेत्र में 500 बेड की डॉरमेट्री भी बनाई जाएगी ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को ठंड में कोई परेशानी ना हो. मेले में तकनीक का बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा. ड्रोन कैमरे से मेले की निगरानी होगी और साधु-संतों को ऑनलाइन सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. माघ मेले में पहली बार कुंभ मेले की तर्ज पर अरैल क्षेत्र में 20 टेंट की एक टेंट सिटी बसाई जा रही है. जिसमें श्रद्धालुओं के लिए हर तरह की सुविधाएं मौजूद रहेंगी. जो श्रद्धालु और पर्यटक संगम के तट पर रहना चाहते हैं वे इनमें रह सकते हैं.
प्रशासन ने की है पूरी तैयारियां
माघ मेले में पीडब्ल्यूडी की ओर से आवागमन के लिए लगभग 150 किलोमीटर चकर्ड प्लेट बिछाई गई है. जल निगम की ओर से पेयजल लाइनें बिछाई गई हैं और विद्युत विभाग की ओर से लाइटिंग की गई है. इसके साथ ही मेला, गंगा नदी के दोनों ओर बसता है. आवागमन के लिए पांच पांटून ब्रिज भी बनाए गए हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से 11,000 संस्थागत और 4,000 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया है. घाटों पर अतिरिक्त शौचालय भी बनाए गए हैं.
कोविड-19 के खतरे को देखते हुए स्वास्थ विभाग की मदद से सर्विलांस टीमें गठित की गई हैं, जो कि संस्थाओं में जाकर जांच करेंगी. मेले के सभी 16 एंट्री गेटों पर कोविड-19 जांच की व्यवस्था रहेगी. मेले में एंटीजन के साथ ही आरटीपीसीआर जांच की भी सुविधा रहेगी. कोविड पॉजिटिव पाए जाने पर गए L1, L2 और L3 अस्पतालों में भर्ती किया जाएगा.
सुरक्षा का रखा जाएगा पूरा ध्यान
माघ मेले की सुरक्षा के लिए करीब ढाई हजार पुलिस फोर्स तैनात की गई है. माघ मेले में 14 थाने, 38 पुलिस चौकियां और 15 फायर स्टेशन बनाए गए हैं. माघ मेले की सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जाएगी. इसके साथ ही मेले में जगह-जगह सिविल ड्रेस में भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा. स्नान घाटों पर जल पुलिस और एसडीआरएफ की भी तैनाती की जाएगी.
माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था रहेगी. मेले में प्रमुख स्नान पर्वों को देखते हुए ट्रैफिक प्लान भी तैयार किया गया है और श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए पार्किंग और रूट डायवर्जन की भी व्यवस्था रहेगी. प्रयागराज के संगम पर आने वाले श्रद्धालुओं को सात समंदर पार से प्रवास के लिए पहुंचे साइबेरियन पक्षी भी सुखद एहसास कराते हैं. उनका कलरव श्रद्धालुओं का मन मोह लेता है.
(पंकज श्रीवास्तव की खबर)