Karwa Chauth 2022: उत्तर भारत में जोरों पर है करवा चौथ पूजा की तैयारी, जानिए इससे जुड़े रोचक तथ्य

करवा चौथ आज देश भर में मनाया जा रहा है, लेकिन देश में कई जगहें ऐसी भी हैं, जहां पर इसे शापित माना जाता है. इस त्योहार को दिवाली के 9 दिन पहले मनाया जाता है.

करवा चौथ
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:14 PM IST
  • मथुरा में नहींं मनाया जाता है करवा चौथ
  • दिवाली से नौ दिन पहले मनाते है करवा चौथ

आज देश भर में करवा चौथ की धूम है. देश भर में महिलाओं ने अपने पति के लिए व्रत रखा है. आज वो चांद देख कर अपना व्रत खोलेंगी और निर्जल उपवास को खत्म करेंगी. तो चलिए आज इस मौके पर आपको करवा चौथ के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताते हैं.

  • कारक चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है, यह त्योहार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष चतुर्थी के दौरान मनाया जाता है. इस दिन, हिंदू विवाहित महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र के लिए देवी पार्वती की विशेष पूजा करती हैं. 
  • हिंदी में करवा (करवा) का अर्थ है 'पानी का मिट्टी का बर्तन' और चौथ का अर्थ है 'चौथा'. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि करवा चौथ हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने में अमावस्या के चौथे दिन पड़ता है.
  • ये त्यौहार कहां से शुरू हुआ, इस बात का पता किसी को नहीं है, लेकिन इससे जुड़े कई किस्से हैं.
  • जहां ज्यादातर लोग इस दिन को एक शुभ अवसर मानते हैं, वहीं मथुरा में एक गांव है जहां करवा चौथ एक 'शापित त्योहार' है. उनका मानना ​​है कि जो विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं, उनके पति की मृत्यु हो जाती है.
  • सिर्फ मथुरा ही नहीं बल्कि राजस्थान के नागौर जिले के कुछ इलाकों में भी करवा चौथ का व्रत नहीं रखा जाता है.
  • करवा चौथ दिवाली से नौ दिन पहले अक्टूबर या नवंबर के महीने में मनाया जाता है.
  • करवा चौथ में सरगी खाने की भी परंपरा होती है. सरगी भोर से पहले का भोजन है जो बहू के उपवास शुरू करने से पहले सास की ओर से भेजा जाता है.

 

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