श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के साथ-साथ अयोध्या की आध्यात्मिक और व्यवस्थित छवि निर्माण की भी तैयारी है. इसके लिए कुछ मेगा प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं. इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में कई बेहद खास हैं और ये अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होंगी. जहां फाउंटेन पार्क श्रद्धालुओं को अयोध्या में आध्यात्मिक वातावरण का अहसास कराएगा, तो वहीं टेंपल म्यूजियम भारत के शीर्ष मंदिरों की निर्माण शैली के साथ-साथ समय के साथ मानव के सांस्कृतिक विकास पर को भी दिखाएगा.
फाउंटेन पार्क बनाने का प्लान-
अयोध्या के 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के किनारे गुप्तार घाट से नए घाट के बीच एक फाउन्टेन पार्क बनाने की योजना है. यह स्थान सरयू नदी से बेहद नजदीक है. कमल के आकार के इस फाउंटेन पार्क के फव्वारे से निकलने वाले पानी को वापस सरयू में डाल दिया जाएगा. यहां बड़ी संख्या में लोगों के बैठने की और अयोध्या की आध्यात्मिक छवि को महसूस करने की व्यवस्था होगी. हालांकि यह परियोजना अभी तक कागज में ही है और इसके लिए बीडिंग भी नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि इस परियोजना को अमल में लाने को लेकर तेजी से विचार विमर्श हो रहा है.
शुरुआती चरण में है प्रोजेक्ट-
अयोध्या के डीएम नीतीश कुमार ने बताया कि यह अभी प्रारंभिक चरण में है. अभी इसको डॉक्यूमेंट के साथ फ्लोट किया गया है और लैंड अभी हम लोग उसको देंगे और फिर उसके बाद एडीए उसको कांपटेटिव बीड करेगी. उसके बाद जो कंपनियां उसमें पार्टिसिपेट करेंगी, वो फाउंटेन पार्क को एक बड़े स्तर बनाएंगी. उसमें मॉडल्स रहेंगे, उसमे थीम भी रहेगा. उसका बहुत ही बेहतर तरीके से डिजाइन किया गया है. उसका और उसके बाद जब डॉक्यूमेंट फिर फ्लोट होगा, उसके बाद डिजाइन फाइनल होगा. लोटस के डिजाइन है. यह वर्ल्ड क्लास लेवल का है.
टेंपल म्यूजियम की तैयारी-
श्री राम जन्मभूमि से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर टेंपल म्यूजियम भी बनाने की तैयारी है. इसके लिए 25 एकड़ भूमि श्री राम मंदिर के इर्द-गिर्द के चार स्थानों पर चिह्नित की गई है. निर्माण एजेंसी के लोग शीघ्र ही इन चिन्हित जमीनों को देखेंगे और जो जमीन और लोकेशन सबसे उपयुक्त होगा, उसी स्थान पर टेंपल म्यूजियम बनाया जाएगा. यह टेंपल म्यूजियम निर्माण की अलग-अलग शैली समेत देशभर के विख्यात मंदिरों की शैली पर अध्ययन करने में मदद करेगा. इस संग्रहालय में विभिन्न शैली के मंदिरों से जुड़े पहलुओं को प्रदर्शित किया जाएगा. जैसे मंदिर की डिजाइन, विशिष्टता, वास्तुकला, निर्माण प्रक्रिया आदि को विभिन्न माध्यमों से समझने के लिए अलग-अलग दीर्घा बनाई जाएगी. इसको लेकर हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी ब्रीफिंग दी गई थी. जिलाधिकारी ने बताया कि टेंपल म्यूजियम की योजना सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि हिंदुस्तान में जितने भी मंदिर रहे हैं, उसका कैसे आर्किटेक्ट रहे हैं, उसका आर्किटेक्चर कैसा रहा है और उसके आर्किटेक्ट ने किस साइंटिफिक टेंपरामेंट से उसको बनाया था? क्या उसके पीछे अवधारणा रही है? कैसे उस समय में उसे इतनी ऊंचाई दी गई थी और क्या शैली रही? जैसे अपने यहां नगर शैली है, द्रविड़ शैली है, सब शैली की कौन सी प्रसिद्ध रचनाएं रही हैं और उस समय जो बेहतर मंदिर बने थे, उन्होंने कौन सी टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की थी, उसकी विषय वस्तु क्या थी? इनको रेखांकित करते हुए एक बेहतर निर्माण किया जाएगा.
(अयोध्या से बनबीर सिंह की रिपोर्ट)
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