हिंदू धर्म के सभी व्रतों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्रत एकादशी का होता है. एकादशी व्रत का सीधा प्रभाव मन और शरीर पर पड़ता है. साल में 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और प्रभु श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं साल 2025 का पहली एकादशी यानी पुत्रदा एकादशी कब है और संतान प्राप्ति के लिए कैसे इस महाव्रत को करना चाहिए?
कब रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी का व्रत
पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति और संतान की समस्याओं के निवारण के लिए किया जाने वाला व्रत है. इस उपवास को रखने से संतान संबंधि हर चिंता और समस्या का निवारण हो जाता है. पौष मास की पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी 2025 को रखा जाएगा.
आपको मालूम हो कि वैदिक पंचांग के अनुसार पुत्रदा एकादशी तिथि 9 जनवरी को दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और 10 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार व्रत 10 जनवरी को रखा जाएगा. व्रत का पारण 11 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 21 मिनट के बीच होगा.
कान्हा की महिमा है निराली
श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करने के लिए एकादशी का व्रत सबसे उत्तम दिन है. एकादशी का व्रत शारीरिक, मानसिक और आर्थिक तीनों ही प्रकार से शुभ और लाभ का कारक है. पुत्रदा एकादशी का व्रत भगवान श्रीकृष्ण से संतान प्राप्ति का वरदान पाने का सबसे सरल उपाय है.
कान्हा की महिमा ही निराली है. वो साक्षात नारायण के अवतार हैं. इस ब्रह्मांड में श्रीकृष्ण ही सत्य का प्रमाण हैं इसलिए विपदा या परेशानी कैसी भी हो भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान ही हर समस्या का समाधान बन सकता है. संतान का सुख ऐसा है, जिसकी कामना हर दंपत्ति को होती है लेकिन कुछ कारणों से कई बार लोग इस सुख से वंचित रह जाते हैं. ऐसे में पुत्रदा एकादशी का व्रत उम्मीद के सूरज के समान है. यदि उत्तम नियम से व्रत करें तो इसके प्रभाव से संतान प्राप्ति की बड़ी से बड़ी मुश्किल भी टल जाती है.
पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम
पुत्रदा एकादशी का व्रत दो प्रकार से रखा जाता है. निर्जल व्रत और फलाहारी या जलीय व्रत. निर्जल व्रत पूर्ण रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति को ही रखना चाहिए. सामान्य लोगों को फलाहारी या जलीय उपवास रखना चाहिए. बेहतर होगा कि केवल जल और फल का ही सेवन किया जाए. संतान संबंधी मनोकामनाओं के लिए एकादशी के दिन भगवान कृष्ण या श्री हरि की उपासना करें.
पुत्रदा एकादशी के दिन ॐ क्लीं देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते, देहि में तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम् गता, ॐ क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र का जाप करें. पुत्रदा एकादशी पर विष्णु चालीसा का पाठ करना अत्यंत शुभ माना गया है.यदि मुमकिन हो तो व्रत के अगले दिन किसी ब्राह्मण को भोजन करवाएं तब और भी फलदायी हो जाएगा पुत्रदा एकादशी का व्रत.
संतान की कामना के उपाय
1. पति-पत्नी संयुक्त रूप से भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करें.
2. श्रीकृष्ण को पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें.
3. संतान गोपाल मंत्र का जाप करें. मंत्र जाप के बाद पति-पत्नी संयुक्त रूप से प्रसाद ग्रहण करें.
पुत्रदा एकादशी पर बरतें सावधानियां
1. घर में लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन बिल्कुल भी न बनाएं.
2. एकादशी की पूजा-पाठ में साफ-सुथरे कपड़ों का ही प्रयोग करें.
3. परिवार में शांतिपूर्वक माहौल बनाए रखें.
4. ईश्वर में श्रृद्धा रखें, सात्विक रहें और झूठ न बोंले.