Raksha Bandhan 2023: इस बार दो दिन मनाया जाएगा रक्षाबंधन का त्योहार, जानें शुभ मुहर्त और अलग-अलग धातु की राखियों के प्रभाव के बारे में 

Raksha Bandhan 2023: पौराणिक मान्यता के अनुसार राखी बांधने के लिए दोपहर का समय शुभ होता है, लेकिन अगर दोपहर के समय भद्रा काल हो तो फिर प्रदोष काल में राखी बांधना शुभ होता है.

Raksha Bandhan 2023
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी ,
  • 07 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 2:38 PM IST
  • दो दिन मनाया जाएगा रक्षाबंधन का त्योहार
  • रक्षासूत्र बांधते वक्त मंत्र का करें उच्चारण

सनातन पर्व को लेकर अंग्रेजी कैलेंडर की तिथियों के उलट-फेर के चलते भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है कि आखिर पर्व मनाया कब जाए? ऐसा ही कुछ इस बार भाई-बहन के प्रेम के पर्व रक्षाबंधन पर भी देखने को मिल रहा है. भद्रा की वजह से लोग असमंजस में हैं कि रक्षाबंधन का पर्व 30 अगस्त को मनाया जाएगा कि 31 अगस्त को? इसे लेकर वाराणसी के काली मंदिर मंदाकिनी तट के देव ज्योतिषी महंतश्री अश्विनी पांडे ने बताया कि पंचांग के अनुसार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. इस साल सावन पूर्णिमा तिथि का आरंभ 30 अगस्त 2023 को प्रातः 10:59 मिनट से होगा. पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा आरंभ हो जाएगी. जो कि रात्रि 09:02 तक रहेगी. शास्त्रों में भद्रा काल में श्रावणी पर्व मनाने का निषेध कहा गया है तथा इस दिन भद्रा का काल रात्रि 09:02 तक रहेगा. इस समय के बाद ही राखी बांधना ज्यादा उपयुक्त रहेगा. 

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 2023

पौराणिक मान्यता के अनुसार राखी बांधने के लिए दोपहर का समय शुभ होता है, लेकिन अगर दोपहर के समय भद्रा काल हो तो फिर प्रदोष काल में राखी बांधना शुभ होता है. ऐसे में 30 अगस्त को रक्षाबंधन को भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त सुबह में नहीं है. उस दिन रात में राखी बांधने का मुहूर्त है. 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा सुबह 07:05 बजे तक है, इस समय में भद्रा नहीं है. इस वजह से सुबह में आप राखी बंधवा सकते हैं. ऐसे में इस साल रक्षाबंधन 2 दिन 30 और 31 अगस्त को मनाया जा सकता है.

रक्षाबंधन मुहूर्त, 30 अगस्त: रात 09:01 बजे के बाद से.रक्षाबंधन मुहूर्त, 31 अगस्त: सूर्योदय काल से सुबह 07:05 बजे तक है.

रक्षासूत्र बांधते वक्त इस मंत्र का करें उच्चारण

ज्योतिषी अश्विनी पांडे ने आगे बताया कि रक्षाबंधन का पर्व, भाई-बहन के प्रेम स्नेह और एक दूसरे की चिंता, रक्षा करने का पर्व है. यह पर्व सदियों से मनाया जा रहा है इसके बारे में अपने यहां अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. जिसमें इंद्र की पत्नी, राजा बलि से लेकर महाभारत काल में द्रौपदी और कृष्ण उसके पश्चात भी अनेक राजा और महाराजाओं की कहानियां हमारे इतिहास में भरी पड़ी है. जिसके बारे में हम सब जानते हैं. विशेष रूप से यह पर्व विश्वास, आस्था और प्रेम का पर्व है, जिसका वर्तमान समय में बहुत ही महत्व एवं आवश्यकता है. जब हम रक्षा सूत्र बांधते हैं तो नीचे लिखे हुए मंत्र का उच्चारण करते हैं और जिसे रक्षा सूत्र बांधा जा रहा होता है उससे बांधने वाला अपने प्रति रक्षा, प्रेम, सहयोग करने का वचन लेता है-

येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:

किस तरह की राखी का करना चाहिए इस्तेमाल? 

प्लास्टिक आदि और त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाली राखियों का प्रयोग करने से हर हाल में बचना चाहिए. क्योंकि उसमें पर्यावरण और व्यक्ति को नुकसान के साथ-साथ शुद्धता और भावना की बहुत कमी होती है. खिलौने, प्लास्टिक या दूसरे नुकसान पहुंचाने वाली चीजों से बनी हुई राखी का उपयोग नहीं करना चाहिए. जैसा कि पहले भी बताया गया है कि रेशम के धागे या सूती धागे से या कलावे का प्रयोग सबसे शुभ माना जाता है. उसके पश्चात चांदी या फिर सोने की राखी का इस्तेमाल किया जा सकता है.

सोना और चांदी की राखियों के लाभ

ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि चांदी के आभूषण वृषभ, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए बहुत शुभ होते हैं. हालांकि चांदी को सबसे पवित्र धातु माना जाता है. इस कारण से इसका प्रयोग रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों के लिए कर सकती हैं. जिससे कि भाइयों को शुभ लाभ की प्राप्ति होगी. इसी प्रकार से स्वर्ण की बनी राशियों को भी धारण किया जा सकता है. क्योंकि वह भी पवित्र और सौभाग्यशाली वैभव प्रदान करने वाला धातु है. जिससे कि तेज, आकर्षण ऊर्जा और पवित्रता की प्राप्ति होती है.

द्वादश राशियों के हिसाब से अलग-अलग रंगों की राखी 

राशि के अनुसार अगर राखी बांधी जाए तो और ज्यादा लाभदायक होती है और भाइयों के लिए यह हर प्रकार के लाभ प्रदान करने वाली हो जाती है. 

-मेष राशि के स्वामी मंगल हैं तो मेष राशि वालों को लाल रंग की राखी बांधनी चाहिए.

-वृषभ राशि वालों के लिए नीले रंग की राखी शुभ होगी.

-मिथुन राशि के लिए हरे रंग की राखी शुभ होगी.

-कर्क राशि के लिए सफेद या चांदी की राखी भी बहुत सुख प्रदान करने वाली और शुभ होगी.

-सिंह राशि जिसका स्वामी सूर्य होता है जिसके लिए सुनहले रंग की या पीले रंग की या स्वर्ण की भी राखी बहुत शुभ होगी.

-कन्या राशि के स्वामी भी बुध होते हैं इसलिए हरे रंग की राखी शुभ होगी.

-तुला राशि के स्वामी शुक्र होते हैं अतः सफेद या चमकीला सफेद रंग की राखी शुभ होगी.

-वृश्चिक राशि वालों के लिए लाल रंग की राखी शुभ होगी.

-धनु राशि के स्वामी गुरु बृहस्पति हैं अतः पीले रंग की राखी शुभता प्रदान करने वाली होगी.

-मकर राशि के स्वामी शनि है अतः नीले रंग की राखी लाभदायक होगी.

-कुंभ राशि के स्वामी भी शनि है. इन्हें भी नीले रंग की व इनके आराध्य महादेव, के रुद्राक्ष की राखी भी लाभदायक होगी.

-मीन राशि के स्वामी गुरु है अतः इन्हें पीले रंग सुनहरे रंग हल्दी कलर के रंग की राखी शुभ व लाभदायक होगी.

 

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