Raksha Bandhan 2024: कब है भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन, किस समय बंधवाएं Rakhi, क्या है भद्रा काल का समय, यहां जानिए शुभ मुहूर्त से लेकर सबकुछ

Rakhi Shubh Muhurat: हमारे देश में रक्षाबंधन के त्योहार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और राखी बांधती हैं. बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं. इस साल 19 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा.

Raksha Bandhan 2024
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:32 AM IST
  • इस साल रक्षाबंधन पर बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग 
  • सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग में यदि बहन अपने भाई को राखी बांधती है तो भाई पर आने वाली सारी बलाएं हो जाती हैं दूर

Raksha Bandhan Bahdra saya timing 2024: भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) है. राखी (Rakhi) के त्योहार का सनातन धर्म में खास महत्व है. रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है.

बहन इस दिन भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी तरक्की की कामना करती हैं तो वहीं भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देता है. इस दिन भाई अपनी बहन को प्यार के प्रतीक के रूप में उपहार या पैसे देते हैं. इस साल 19 अगस्त को रक्षाबंधन (Raksha Bandhan on 19 august 2024) का त्योहार मनाया जाएगा.

बन रहे शुभ संयोग
वैदिक पंचांग के मुताबिक इस बार रक्षाबंधन के पर्व पर 4 शुभ संयोग बन रहे हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है. इसी दिन सावन का आखिरी सोमवार भी है. ये सब मिलकर इस दिन को बेहद शुभ बना रहे हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग के प्रभाव वाले समय पर बहन अपने भाई को राखी बांधती हैं तो भाइयों पर आने वाली सारी बलाएं दूर हो सकती हैं. इस योग के प्रभाव से भाई को निरोगी होने का वरदान भी मिलेगा.

क्या है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 
धार्मिक शास्त्रों में भद्रा के समय में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना गया है. 18 अगस्त 2024 को रात में भद्राकाल (Bhadra Kaal) प्रवेश कर रहा है, जो 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इसके बाद ही आप राखी बांध सकते हैं. राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को दोपहर 01:32 बजे से लेकर रात 09:07 बजे तक है. इस समय में बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं.

रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले क्या करें 
1. रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले बहन और भाई सुबह स्नान कर लें.
2. इसके बाद साफ-सुथरे कपड़े पहन लें. 
3. फिर घर के मंदिर में दीपक जलाएं और सूर्य देवता को जल चढ़ाएं. 
4. इसके बाद राखी बांधने की थाली में कुमकुम, अक्षत, रक्षा सूत्र, नारियल, घी का दीपक, रुमाल, एक कलश, कलावा, सुपारी, दही और मिठाई रख लें. इसे मंदिर में भगवान को समर्पित करें.

राखी बांधने की विधि 
1. राखी बांधने से पहले एक थाली सजा लें. 
2. सबसे पहले थाली में रोली चावल को रखें. 
3. इसके बाद आप राखी और मिठाई को रख लें.  
4. इस दौरान दिया जलाना न भूलें.
5. अब सबसे पहले भाई को तिलक लगाएं. 
6. फिर दाहिने हाथ में राखी बांधें. इस दौरान राखी में तीन गांठ बांधें.
7. मान्यता है कि राखी की इन तीन गांठ का महत्व ब्रह्मा, विष्णु और महेश से होता है. 
8. फिर भाई को मिठाई खिलाएं. 
9. इसके बाद अपने भाई की आरती उतारते हुए लंबी उम्र, सुखी जीवन और उन्नति की कामना करें.
10. रक्षाबंधन के दिन पर आप अपने भाई की नजर उतारें. 
11. सबसे पहले भाई के सिर से 7 बार फिटकरी उतारें. फिर उसे किसी चौराहे पर फेंक दें. 
12. माना जाता है कि इससे भाई को लगी नजर का प्रभाव कम हो जाता है.

रक्षाबंधन का क्या है महत्व
प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों और महाकाव्यों में रक्षाबंधन का जिक्र किया गया है. पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि सबसे पहले द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण को राखी बांधी थी. ये मान्यता है कि कृष्ण भगवान की उंगली सुदर्शन चक्र से कट गई थी. खून बंद करने के लिए द्रौपदी ने अपनी साड़ी से एक टुकड़ा फाड़कर कटे हुए जगह पर बांधा था. उसी वक्त भगवान कृष्ण ने हमेशा द्रौपदी की रक्षा करने का वचन दिया था. 

 

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