सावन के पूर्णिमा तिथि के दिन इस बार रक्षाबंधन पड़ने जा रहा है. इस बार रक्षाबंधन 11 अगस्त को पड़ रहा है. इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहने वाला है. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार भद्रा में राखी नहीं बांधनी चाहिए. इतना ही नहीं भद्रा में कोई शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. अगर भद्रा में कोई शुभ कार्य किया जाता है तो उसका परिणाम अशुभ ही होता है.
भद्रा काल पंचांग की गणना
सावन के पूर्णिमा तिथि के दिन इस बार भद्रा काल रहने वाला है. वहीं इस दिन रक्षाबंधन भी पड़ रहा है. रक्षाबंधन 11 अगस्त के दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 11 अगस्त की सुबह 10 बजकर 38 मिनट में शुरू होगा.जो 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगा. जिसके चलते कई जगह पर 11 और 12 अगस्त को कई जगह पर रक्षाबंधन मनाया जाएगा.
भद्रा में क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी
भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. भद्रा में राखी नहीं बांधने को एक पौराणिक कथा है. जिसमें बताया गया है कि भद्रा में भी लंकापति रावण की बहन सूर्पणखा ने उनके कलाई पर राखी बांधी थी. जिसके चलते रावण का एक वर्ष के अंदर ही विनाश हो गया था. ऐसा कहा जाता है कि भद्रा को शनिदेव की बहन थी. जिसे ब्रम्हा जी ने श्राप दिया था कि अगर कोई भी भद्रा में शुभ या मांगलिक कार्य करेगा उसका परिणाम अशुभ होगा होगा. जिसके चलते ही भद्रा में राखी नहीं बांधने की सलाह दी जाती है.
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन के पर्व पर इस बार कई शुभ मुहूर्त बन रहे है. ज्योतिष का जानकारों के अनुसार इस दिन सुबह 11 बजकर 37 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. इसके बाद दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक विजय मुहूर्त होगा. रक्षाबंधन के दिन प्रदोष काल का मुहूर्त 11 अगस्त 2022 को रात के 08 बजकर 52 मिनट से 09 बजकर 14 मिनट रहेगा. जिसे राखी बांधने के लिए सबसे शुभ समय माना जा रहा है.