पवित्र नदी के पानी से होगा पितरों का तर्पण... गया की फल्गु नदी में साल भर रहेगा पानी, एक समय में मां सीता ने दिया था श्राप

दरअसल , फल्गु नदी के बारे में कहा जाता है कि इसे सीता जी ने श्राप दिया था. उन्होंने फल्गु नदी से कहा था कि जा तू सिर्फ नाम की नदी रहेगी, तुझमें पानी नहीं रहेगा. यही कारण है कि फल्गु नदी आज भी गया में सूखी रहती है.

Phalgu River
सुजीत झा
  • गया,
  • 29 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST
  •  पर्यटकों की संख्या बढ़ाने पर हो रहा है काम 
  • फल्गु नदी को दिया था सीता जी ने श्राप

बिहार के गया में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी मिली है. अब गया आने वाले श्रद्धालुओं को अब तर्पण के लिए फल्गु नदी का पवित्र जल मिलेगा. गर्मी और बाकी मौसम में सूख जाने वाली नदी को हमेशा तीन फीट पानी से भरे रहने के लिए सरकार की ओर से नदी में रबर डैम बनाया जा रहा है. ताकि नदी में साल भर पानी जमा रहे. विष्णुपद मंदिर के देव घाट के समीप बनने वाले इस रिवर डैम का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.

सितंबर तक पूरा हो जाएगा निर्माण 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका ऑनलाइन शिलान्यास 23 सितंबर 2020 को किया था और इस वर्ष पितृपक्ष मेला से पहले इसे पूरा कर लिया जाएगा. पितरों का पिंडदान करने के लिए फल्गु नदी का जल काफी पवित्र माना जाता है. अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल होने के कारण गया में साल भर देश-विदेश से पर्यटक आते रहते हैं. पितृपक्ष मेला के दौरान देश-विदेश से लाखों पिंडदानी भी आते हैं. वैसे में पितरों को तर्पण के लिए फल्गु नदी में पानी नहीं रहने से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ती है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब इस रबड़ डैम के बन जाने से फल्गु नदी में सालों भर 3 मीटर पानी रहेगा. रबर डैम का निर्माण 277 करोड़ की लागत से किया जा रहा है.

डैम के बन जाने से मोकामा से पाइप के जरिए गंगा का पानी फल्गु नदी में आएगा. फल्गु नदी का बचेखुचे पानी में गंगा का पानी मिलने से एक पवित्र संगम तैयार होगा, जो श्रद्धालुओं के लिए तर्पण के काम आएगा. डैम बनने से गया में आने वाले श्रद्धालुओं में काफी खुशी है. उनका कहना है कि पानी नहीं रहने से परेशानी होती थी. अब पानी हो जाने से पितरों को पिंडदान करने में आसानी होगी.

फल्गु नदी को दिया था सीता जी ने श्राप

गौरतलब है कि सीता माता ने ही राजा दशरथ का पिंडदान किया था. इस बात के केवल 5 ही गवाह थे. एक अक्षय वट, ब्राह्मण, फल्गु नदी, गाय और तुलसी. जब मां सीता ने श्री राम को बताया तो उन्होंने इस बात पर यकीन नहीं किया, तब उन्हें गुस्से में देखते हुए ब्राह्मण, फल्गु नदी, गाय और तुलसी ने झूठ बोलते हुए ऐसी किसी भी बात से इंकार कर दिया. तब सीता जी ने उनको क्रोधित होकर श्राप दे दिया कि फल्गु नदी- जा तू सिर्फ नाम की नदी रहेगी, तुझमें पानी नहीं रहेगा. इस कारण फल्गु नदी आज भी गया में सूखी रहती है. 

 पर्यटकों की संख्या बढ़ाने पर हो रहा है काम 

डैम को लेकर गया के डीएम डॉ. त्यागराजन ने मीडिया को बताया कि विष्णुपद मंदिर बिहार का गौरव है. सरकार की कोशिश है कि यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ाई जाए. इसको लेकर रबर डैम का भी निर्माण कराया जा रहा है ताकि यहां देश-विदेश से पर्यटक आएं. जल्द ही रबर डैम का निर्माण पूरा कर दो से तीन फीट तक पानी नदी में स्टोर रखा जाएगा. इससे श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके. डैम को  350 मीटर चौड़ा और 650 मीटर लंबाई में बनाया जा रहा है. नदी के दोनों तरफ सुंदरीकरण भी किया जा रहा है, ताकि पर्यटक और भी प्रभावित होकर गया आ सकें.


 
 

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