Sawan 2024: क्या है सावन के सोमवार का महत्व, कैसे करें पूजा, भोलेनाथ पूरी करेंगे सभी मनोकामनाएं

हिंदू धर्म में सावन माह को अत्याधिक महत्व है. इस माह को शिवजी का अतिप्रिय माह माना जाता है और इस पूरे महीने में भोलेबाबा की पूजा की जाती है. बहुत से भक्त इस महीने में सोमवार का व्रत भी करते हैं.

Sawan 2024
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 22 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:45 AM IST

सावन का महीना हिन्दुओं के पवित्र चातुर्मास में से एक माना जाता है. इस महीने का सम्बन्ध शिव जी से माना जाता है. इसी महीने में समुद्र मंथन हुआ था, और भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था. और इस हलाहल विष के पान से उभरी उग्र अग्नि को शांत करने के लिए भक्त इस महीने में शिव जी को जल अर्पित करते हैं. मान्यता है कि पूरे सालभर शिवजी की पूजा करके जो फल पाया जाता है वह फल सिर्फ सावन में पूजा करके पाया जा सकता है. कहते हैं कि तपस्या, साधना और वरदान प्राप्ति की लिये यह महीना अत्यंत शुभ है. इस बार सावन का महीना 22 जुलाई से 19 अगस्त तक रहेगा.  

क्या है सावन के सोमवार का महत्व 
भगवान शिव की पूजा के लिए और ख़ास तौर से वैवाहिक जीवन के लिए सोमवार की पूजा की जाती है. अगर कुंडली में विवाह का योग न हो या विवाह होने में परेशानी आ रही हो तो सावन के सोमवार को शिवजी की पूजा करनी चाहिए. अगर कुंडली में आयु या स्वास्थ्य बाधा हो या मानसिक स्थितियों की समस्या हो तब भी सावन के सोमवार की पूजा उत्तम होती है. सावन के सोमवार को शिव जी की पूजा सर्वोत्तम होती है. इसमें मुख्य रूप से शिव लिंग की पूजा होती है और उस पर जल तथा बेल पत्र अर्पित किया जाता है. 

प्रातः काल या प्रदोष काल में स्नान करने के बाद शिव मंदिर जायें. अगर मुमकिन हो तो घर से नंगे पैर मंदिर जाएं और घर से ही लोटे में जल भरकर ले जायें. मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें. शिवजी को साष्टांग प्रणाम करें. फिर उसी जगह खड़े होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप करें. दिनभर उपवास करें और इस दौरान केवल फलाहार करें. सायंकाल में भगवान के मन्त्रों का जाप करें और आरती करें. दूसरे दिन पहले अन्न वस्त्र का दान करें और फिर व्रत का पारायण करें. 

इस महीने में होते हैं कई तरह के लाभ हों 
जिनका विवाह नहीं हो पा रहा है ऐसे लोग विशेष प्रयोग करके विवाह का वरदान पा सकते हैं. जिनकी कुंडली में आयुभाव कमजोर है उन्हें भी आयु ऱक्षा का वरदान मिल सकता है. सावन में शनि की पूजा सबसे ज्यादा फलदायी होती है. इस महीने में कुंडली के तमाम दोषों को शांत कर सकते हैं - जैसे ग्रहण दोष, राहु दोष, गुरु चांडाल दोष आदि. पूरे साल में सर्प पूजा इसी महीने में हो सकती है और कभी नहीं. 

सावन में क्या करें

  • कम से कम सावन के हर सोमवार को उपवास रखें. 
  • शिवलिंग पर रोज सुबह जल और बेल पत्र अर्पित करें. 
  • नित्य प्रातः शिव पंचाक्षर स्तोत्र या शिव मंत्र जाप करें. 
  • इसके बाद ही जलपान या फलाहार करें.
  • अगर आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो सावन का महीना इसके लिए सबसे उपयुक्त है. 

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