Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि पर भोलेनाथ की ऐसे करें आराधना, पूरी होगी हर मनोकामना, जानें शिव पूजन और जलाभिषेक का उत्तम मुहूर्त

Sawan Shivratri 2024 Date and Pujan Muhurat: धार्मिक मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के दिन व्रत करने व भगवान शिव का जलाभिषेक करने से भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है. सावन शिवरात्रि के दिन निशिता काल में पूजन करना सबसे उत्तम माना गया है. 

Lord Shiva (Photo: PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:00 AM IST
  • आज मनाई जाएगी सावन शिवरात्रि
  • निशिता काल में भगवान शिव की करें पूजा

Sawan Shivratri Vrat 2024: श्रावण मास यानी सावन का महीना भगवान शिव को काफी प्रिय है. सावन 22 जुलाई से शुरू हो गया है. यह 19 अगस्त को समाप्त होगा. हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि कहा जाता है. सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि सावन शिवरात्रि कहलाती है. इस दिन पूजा निशिता काल में की जाती है. 

इस साल सावन माह की मासिक शिवरात्रि 2 अगस्त दिन को मनाई जाएगी. चतुर्दशी तिथि शुक्रवार को दोपहर 3:26 बजे शुरू होगी और यह शनिवार को दोपहर  3:50 बजे समाप्त होगी. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के दिन व्रत करने व भगवान शिव (Lord Shiva) का जलाभिषेक करने से भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के लिए शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. 

बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग
सावन शिवरात्रि पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 10:59 बजे से देर रात 12:49 बजे तक रहेगा. इस साल करीब 19 सालों के बाद सावन शिवरात्रि पर आर्द्रा नक्षत्र बन रहा है. आपको मालूम हो कि कुल 27 नक्षत्रों में आर्द्रा 6वां नक्षत्र है. इस नक्षत्र के अधिपति देवता भागवन शिव के रुद्र रूप को माना जाता है. इस दिन भोलेनाथ की आराधना करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. सावन शिवरात्रि के दिन भोलेबाबा की आराधना और जलाभिषेक करने से जीवन में सुख-संपदा व खुशहाली आती है.

क्या है पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 
1. रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय: शाम 7:11 बजे से 09:49 बजे रात तक. 
2. रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: रात 9:49 से देररात 12:27 बजे तक. 
3. रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: देररात 12:27 बजे से भोर के 03:06 बजे तक. 
4. रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: 3 अगस्त को सुब 3:06 बजे से 5:44 बजे तक.
5. सावन शिवरात्रि के दिन निशिता काल में पूजन करना सबसे उत्तम माना गया है. 
6. निशिता काल 03 अगस्त को सुबह 12 बजकर 06 मिनट से सुबह 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. 
7. सावन शिवरात्रि पारण समय: 3 अगस्त को सुबह 5 बजकर 44 मिनट से दोपहर 3 बजकर 49 मिनट तक.

सावन शिवरात्रि पूजा विधि
1. शिवरात्रि के एक दिन पहले यानी त्रयोदशी तिथि के दिन भक्तों को केवल एक समय ही भोजन ग्रहण करना चाहिए
2. शिव पुराण के अनुसार सावन​ शिवरात्रि को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए. 
3. स्नान, नित्य कर्म आदि करके शिव मंदिर में जाएं और शिव जी की पूजा करें. 
4. शिवलिंग पर गंगाजल बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग अर्पित करें.
5. भगवान शिव को कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक करें.
6. महादेव के सामने घी या तेल का दीया जलाएं और शिव चालीसा का पाठ करें. 
7. इसके बाद शिवजी की आरती करें और बाद में मंत्रों का जाप करें.
8. पूजा होने के बाद प्रसाद का वितरण कर दें. 
9. सावन​ शिवरात्रि को रात में सभी पूजा सामग्री के साथ आप उस शिव मंदिर में जाएं, जहां पर शिवलिंग की प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार की गई है.

 

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