Shivratri Special: भगवान शिव पर जल चढ़ाने का ये है सही नियम, प्रसन्न होते हैं भगवान

Sawan 2022: शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय आपका मुंह किस तरफ होना चाहिए, जल चढ़ाने के लिए कौन सा पात्र सही है और पूजा करते समय किन नियमों का करना होता है पालन, जानिए इस खबर में.

Shivling Puja
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:40 AM IST
  • बैठकर चढ़ाएं जल
  • भगवान की पीठ की तरफ खड़ें होकर न करें पूजा

हिंदू शास्त्र में हर पूजा विधि के अपने अलग नियम होते हैं. सावन के महीने की शुरुआत होते ही लोग भोले शंकर को खुश करने के लिए उन पर भांग, धतूरा, जल आदि अर्पित करते हैं. लेकिन आपको बता दें कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने का भी अपना एक नियम है. शिवजी को जल चढ़ाने के लिए कौन सा बर्तन होना चाहिए, जल चढ़ाते समय किस तरफ मुंह होना चाहिए और कौन सा मंत्र बोलना चाहिए यह जानना भी जरूरी है. आज आपको इसी से जुड़े कुछ नियम और फायदे हम आपको बताएंगे.

किस दिशा में होना चाहिए मुंह?
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय ध्यान रखना चाहिए कि आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर नहीं होना चाहिए. पूर्व दिशा को भगवान शिव का मुख्य प्रवेश द्वार होता है और इस दिशा की ओर मुंह करने से शिव के द्वार में अवरोध होता है और वो नाराज हो जाते हैं. ध्यान रहे कि जल देते समय आपका मुंह उत्तर दिशा की ओर हो क्योंकि उत्तर दिशा को शिव जी का बायां अंग माना जाता है जो मां पार्वती को समर्पित है. इस दिशा की ओर मुंह करके जल अर्पित करने से भगवान शिव और मां पार्वती दोनों की कृपा प्राप्त होती है. कभी भी भगवान की पीठ की तरफ खड़ें होकर न पूजा करनी चाहिए और न ही जल चढ़ाना चाहिए.
  
किस पात्र का करें इस्तेमाल 
शिवजी को जल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि जल हमेशा कलश से ही चढ़ाएं. शिवजी का अभिषेक करने के लिए तांबे का पात्र सबसे अच्छा माना जाता है. कांसे या चांदी के पात्र से अभिषेक करना भी शुभ माना जाता है. लेकिन जल अभिषेक के लिए कभी भी स्टील का बर्तन इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. लेकिन याद रहे कि तांबे के बर्तन से कभी भी दूध का अभिषेक नहीं करना चाहिए क्योंकि ये अशुभ माना जाता है.

बैठकर चढ़ाएं जल 
शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय ध्यान रखें जल हमेशा बैठकर ही दें. यहां तक कि रुद्राभिषेक करते समय भी खड़े नहीं होना चाहिए. बता दें कि पुराणों के अनुसार शिवलिंग पर खड़े होकर जल चढ़ाने से यह शिव जी को समर्पित नहीं होता है और इसका पुण्य नहीं मिलता है. 

दाहिने हाथ से जल चढ़ाएं
भगवान शिव का अभिषेक जलधारा से ही करना चाहिए. जैसे जल की धारा एकदम पतली बह कर  आती है ठीक वैसे ही एक धार में धीरे-धीरे भगवान शिव को जल चढ़ाना चाहिए. ध्यान रहे कि भगवान को हमेशा दाहिने हाथ से जल चढ़ाएं और बाएं हाथ से दाहिने हाथ का स्पर्श करें.

 

Read more!

RECOMMENDED