हिंदू धर्म में व्रत और उपवास रखने की सलाह दी गई है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्रत और उपवास का महत्त्व बहुत अधिक है. व्रत और उपवास रखने से न केवल धार्मिक लाभ होते हैं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं. शैलेंद्र पांडे ने बताया कि व्रत और उपवास का मुख्य उद्देश्य शरीर को स्वस्थ रखना और मन व आत्मा को नियंत्रित करना है.
उन्होंने बताया कि व्रत करना वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण है. हिंदू धर्म में एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या और नवरात्रि के व्रतों के फायदे बताए गए हैं. व्रत रखने के नियमों और निर्जल व्रत और फलाहारी व्रत के बारे में जानकारी दी गई.
व्रत और उपवास के प्रकार
व्रत दो प्रकार के होते हैं. पहला निर्जल व्रत और दूसरा फलाहारी या जलीय व्रत. निर्जल व्रत केवल स्वस्थ व्यक्ति को रखना चाहिए, जबकि अन्य लोग फल खाकर या जल पीकर व्रत रख सकते हैं. व्रत रखने का मतलब केवल भोजन न करना नहीं है, बल्कि अधिक से अधिक समय ईश्वर की उपासना में लगाना चाहिए.
व्रत और उपवास के लाभ
व्रत और उपवास रखने से शरीर और मन शुद्ध होते हैं. मनचाही इच्छाएं पूरी होती हैं. एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या और नवरात्रि के व्रत विशेष रूप से महत्वपूर्ण माने जाते हैं. एकादशी का व्रत रखने से मन की चंचलता समाप्त होती है और धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है. पूर्णिमा और अमावस्या के व्रत से हार्मोन की समस्या ठीक होती है और मनो रोग दूर होते हैं. नवरात्रि के व्रत से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इस प्रकार व्रत और उपवास का सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक महत्त्व भी है.
लकी टिप: मानसिक तनाव से बचने के लिए चांदी के गिलास से पानी पिएं. इससे चंद्रमा के तत्व मजबूत होंगे और मानसिक चिंताएं समाप्त होंगी.
सक्सेस मंत्र: प्रातःकाल हनुमान जी को लाल फूल अर्पित करें और घर से निकलते समय उस लाल फूल को अपने पास रखें. इससे दिन भर के कार्यों में सफलता मिलेगी.