शक्ति योजना के सफल रोल आउट के बाद कर्नाटक सरकार ने एक और नई स्कीम लॉन्च की है.कर्नाटक के सभी मुजराई मंदिरों (जिनके लिए दान दक्षिणा आती है) में 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के भक्तों के लिए 'विशेष दर्शन' सुविधा का आदेश दिया गया है.
400 मंदिरों में है ये सुविधा
अब से भक्त मुजराई विभाग के अंतर्गत 'ए' और 'बी' श्रेणी के मंदिरों में अपने आधार कार्ड या किसी अन्य वैध आयु प्रमाण दिखाकर देवताओं के सीधे दर्शन का लाभ उठा सकते हैं. हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (मुजराई) के अधिकारियों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इस सुविधा का लाभ राज्य भर के 400 से अधिक 'ए' और 'बी' श्रेणी के मंदिरों में उठाया जा सकता है. इस सुविधा का लाभ 400 से अधिक मंदिरों में उठाया जा सकता है, जिनमें कुक्के में सुब्रह्मण्य मंदिर, कोल्लूर में मूकाम्बिका मंदिर, मैसूर में चामुंडेश्वरी मंदिर, नंजनगुड में नंजुंदेश्वर मंदिर, एमएम हिल्स में महादेश्वर मंदिर, बेलगावी में सौंदत्ती येलम्मा मंदिर और बनशंकरी मंदिर, बेंगलुरु में बुल मंदिर और गवीगंगधरेश्वर मंदिर शामिल हैं.
दिखाना होगा ID कार्ड
मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, "कर्नाटक अर्चकरा, अगामीकारा और उपधिवंतरा (पुजारी) ओक्कुटा की ओर से यह लंबे समय से लंबित मांग थी. वरिष्ठ नागरिकों, विशेषकर 65 वर्ष से ऊपर के लोगों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए, हमारी सरकार ने सभी मंदिरों में देवताओं के 'दर्शन' के लिए विशेष त्वरित सुविधा प्रदान करने के बारे में सोचा है." उन्होंने कहा कि इन मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी कतार में लगकर इंतजार नहीं करना होगा. वे बस अपना आधार कार्ड या उम्र का प्रमाण देने वाला कोई वैध आईडी कार्ड दिखा सकते हैं और बिना किसी परेशानी के देवता के विशेष 'दर्शन' का लाभ उठा सकते हैं.
सरकार के कदम का स्वागत करते हुए, ओक्कुटा के अध्यक्ष केएसएन दीक्षित ने कहा, "हमारे पुजारियों को कर्नाटक भर के कई वरिष्ठ नागरिकों से अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं. हमने पिछले मुजराई मंत्री और आयुक्त से भी अनुरोध किया था. हमारे बार-बार याद दिलाने के बावजूद, उन्होंने मंजूरी नहीं दी." दीक्षित ने कहा, "हमें खुशी है कि मौजूदा सरकार ने यह योजना शुरू की है." विभाग ने स्थान की उपलब्धता के आधार पर नामित मंदिरों को मंदिर परिसर के भीतर वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग स्थान आरक्षित करने का भी निर्देश दिया है.
क्या है शक्ति योजना
बता दें कि इससे पहले सिद्धारमैया सरकार ने बीते रविवार को राज्य की महिलाएं को सरकारी बसों से निशुल्क यात्रा के लिए 'शक्ति' योजना शुरू की थी. योजना लागू होने के बाद से सरकारी बसों में भीड़ बहुत बढ़ गई है. शक्ति योजना को 11 जून 2023 को लॉन्च किया गया. सरकार की मानें तो योजना शुरू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य महिलाओं को मुफ्त बस सेवा प्रदान करके उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. शक्ति योजना के तहत, राज्य की सभी महिला लाभार्थियों को पूरे कर्नाटक में मुफ्त बस की सवारी प्रदान की जाएगी. शक्ति योजनान्तर्गत नि:शुल्क बस सेवा केवल कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) की बसों में प्रदान की जाएगी.
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