हिमाचल में अद्भुत शिव धाम, अमरनाथ की तरह मनाली में बर्फ से बनता है 30 फीट ऊंचा शिवलिंग

मान्यता है कि त्रेता युग में 7 हजार वर्षों तक माता अंजनी ने इसी स्थान पर भगवान शिव की घोर तपस्या की थी ताकि उन्हें एक दिव्य पुत्र की प्राप्ति हो. उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव वहां प्रकट हुए और माता अंजनी को वरदान दिया.

अंजनी महादेव मंदिर
gnttv.com
  • मनाली ,
  • 26 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:13 PM IST
  • मिनी अमरनाथ के नाम से है विख्यात है 
  • प्रकृति स्वयं करती है जलाभिषेक

हिमाचल प्रदेश की मनमोहक वादियों में स्थित अंजनी महादेव मंदिर एक ऐसा रहस्यमयी स्थान है, जहां हर साल प्रकृति स्वयं भगवान शिव की आराधना करती है. बाबा अमरनाथ की तरह ही मनाली में भी बर्फ से बनने वाला करीब 20 से 30 फीट ऊंचा शिवलिंग श्रद्धालुओं के लिए आस्था और चमत्कार का प्रतीक बन गया है. इसलिए इसे मिनी अमरनाथ भी कहा जाता है. यह पवित्र स्थान अपनी अद्भुत सुंदरता और आध्यात्मिक शक्ति के कारण भक्तों और पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है.

अमरनाथ गुफा की तरह ही शिवलिंग बनता है 
हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है, यहां की हर घाटी, पर्वत और नदी में ईश्वरीय आभा समाई हुई है. बाबा अमरनाथ की तरह ही मनाली में बनने वाला यह बर्फीला शिवलिंग इस देवभूमि की दिव्यता का अद्भुत प्रमाण है. 11 हजार फीट की उंचाई पर मनाली के सोलंग वैली से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अंजनी महादेव मंदिर भक्तों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है, जहां हर साल प्रकृति स्वयं एक चमत्कारी शिवलिंग का निर्माण करती है.

जिस प्रकार अमरनाथ की गुफा में बर्फ से शिवलिंग निर्मित होता है, ठीक उसी तरह मनाली के अंजनी महादेव मंदिर में भी हर वर्ष सर्दियों में एक विशाल शिवलिंग प्राकृतिक रूप से आकार लेता है. इसकी ऊंचाई मौसम के अनुसार घटती-बढ़ती रहती है, और इस वर्ष भी यहां लगभग 20 से 30 फीट ऊंचा शिवलिंग भक्तों को अपनी दिव्यता का अनुभव करा रहा है.

माता अंजनी ने की थी भगवान शिव की तपस्या 
मान्यता है कि त्रेता युग में 7 हजार वर्षों तक माता अंजनी ने इसी स्थान पर भगवान शिव की घोर तपस्या की थी ताकि उन्हें एक दिव्य पुत्र की प्राप्ति हो. उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव वहां प्रकट हुए और माता अंजनी को वरदान दिया, जिससे उन्हें हनुमान जी के रूप में एक परम शक्तिशाली पुत्र की प्राप्ति हुई. इसी लिए इस स्थान का नाम अंजनी महादेव पड़ा.

24 घंटे होता है जलाभिषेक 
इस शिवलिंग की एक और अनूठी विशेषता है कि यहां एक प्राकृतिक झरना साल भर 24 घंटे शिवलिंग का जलाभिषेक करता रहता है. यह दृश्य देखने लायक होता है, जहां बिना किसी मानवीय प्रयास के प्रकृति स्वयं भगवान शिव की पूजा करती है.मान्यता ये भी है कि इस शिवलिंग के दर्शन करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है. अंजनी महादेव के दर्शन नंगे पांव चलकर किए जाते हैं| पर्यटक और श्रद्धालु शिवलिंग तक पहुंचने के लिए पांच सौ मीटर की दूरी नंगे पांव तय करते हैं.

बीते 22 सालों से यहां रह रहे बाबा फुलटून ने बताया की बाबा प्रकाश पुरी ने इस स्थान की खोज की थी. उन्हीने ही अपनी दिव्य दृष्टि से इस स्थान की महत्ता को बताया था. माता अंजनी ने यहां पुत्र प्राप्ति के लिए घोर तपस्या की थी. मैंने अपने जीवनकाल में इस शिवलिंग को 40 फिट तक ऊंचा बनते देखा है. इस साल इसकी ऊंचाई करीब 30 फीट है.

देशभर से आते हैं लोग 
भगवान के दर्शन करने पहुंचे बाबा जगन्नाथ कहते हैं, “इसे छोटा अमरनाथ या छोटा स्वर्ग भी कहा जता है.  हम साल भर ऐसे तीर्थों का भ्रमण करते है और लोगों को इनका महत्व बताते हैं.”

बता दें, इन दिनों दूसरे राज्यों से पर्यटक भी भारी संख्या में भगवान के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. सहारनपुर से आए पर्यटक शुभम का कहना है कि यह प्राकृतिक रूप से बना शिवलिंग है. यह प्रकृति का कमाल है. वहीं, लखनऊ से यहाँ पहुंचे सुशांत का कहना है कि वे अपने दोस्तों के साथ मनाली घूमने के लिए आए हैं. जब उन्होंने अंजनी महादेव के बारे में सुना तो वे भी दर्शन करने के लिए यहां पहुंच गए. 

(मनमिंदर अरोड़ा की रिपोर्ट)
 

 

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