Som Pradosh Vrat 2022: इस दिन पड़ रहा है मार्गशीर्ष का पहला प्रदोष व्रत, जानिए पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

सोम प्रदोष व्रत रखने से भक्तों के जीवन से कष्ट दूर होते हैं और भगवान भोले शंकर और माता पार्वती की विशेष कृपा हासिल होता है. मार्गशीर्ष का पहला प्रदोष व्रत जल्द आने वाला है. ऐसे में सभी भक्तजन जानना चाह रहे हैं कि प्रदोष व्रत कब और कितने तारीख को है. शुभ मुहूर्त कब है. चलिए हम आपको सारी जानकारी देते हैं. 

Som Pradosh Vrat 2022
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:20 PM IST
  • सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक करें पूजा
  • 21 नवंबर दिन सोमवार को है प्रदोष व्रत

भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में इस व्रत को काफी मान्यता दी गई है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से भक्तों को भगवान भोले और मां पार्वती का विशेष वरदान प्राप्त होता है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस माह यानी मार्गशीर्ष के महीने में किस तारीख को पहला प्रदोष व्रत मनाया जाएगा. इसके साथ ही जानेंगे व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व भी.

व्रत का शुभ मुहूर्त

शिव के भक्त हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखते हैं. इस माह का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में सोमवार को है. इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत भी कहते हैं. इस बार तो प्रदोष व्रत के दिन विशेष योग भी बन रहा है. ऐसे में आपको बताते हैं व्रत का शुभ मुहूर्त. इस माह 21 नवंबर दिन सोमवार को सुबह 10:07 मिनट से 22 नवंबर दिन मंगलवार को सुबह 08:49 मिनट तक व्रत का शुभ मुहूर्त रहने वाला है. भगवान शंकर के भक्त  21 नवंबर को शाम 05:34 मिनट से लेकर रात 08:14 मिनट तक भगवान की पूजा कर सकते हैं.

पूजा विधि

प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखने वाले सुबह नित्य क्रिया के बाद स्नान करें और स्वस्छ वस्त्र धारण करें. पूजा शुरू करने से पहले भगवान भोले को  फूल,फल, मिठाई, और उनका अन्य प्रिय सामान उन्हें अर्पित करें. इसके बाद तांबे के लोटे से दूध, शहद और जल शिवलिंग पर अर्पण करें. ध्यान रहे कि जल और शहद अर्पण करते समय धारा की लड़ी को टूटने न दें.और जल अर्पण करते समय 108 बार जाप ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः मंत्र का जप करें. इस दिन सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक भगवान की पूजा करें. इसके बाद भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की आरती उतरकर जीवन से सभी कष्टों को दूर कर सुख समृद्धि जिंदगी में लाने की प्रार्थना करें.

व्रत का महत्व

मान्यता है कि जो भक्त सोम प्रदोष व्रत रखता है उसके जीवन से ग्रह दोष,रोग, पाप आदि दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. यह व्रत उनलोगों के लिए और फलदायी होता है जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष हो. मान्यता के अनुसार ऐसे लोग जरूर ही सोम प्रदोष व्रत रखें.

 

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