Som Pradosh Vrat 2024: सोम प्रदोष व्रत के दिन करें भगवान शिव की उपासना, जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व

सोम प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख समृद्धि आती है. मान्यता है भगवान शिव को प्रदोष व्रत अत्यंत प्रिय है और जो भक्त श्रद्धाभाव से इस दिन उनकी पूजा करता है उसके सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. चलिए जानते हैं कि व्रत की महिमा, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है.

Som Pradosh Vrat 2024 (File Photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 मई 2024,
  • अपडेटेड 12:45 PM IST

आज प्रदोष व्रत है. हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन जो भी भक्त श्रद्धाभाव से भगवान भोले की विधिवत उपासना करता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशहाली आती है.  सोमवार के दिन पड़ने की वजह से इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है. वहीं अगर यह रविवार के दिन पड़ता तो रवि प्रदोष व्रत कहलाता है. चलिए आपको इस व्रत की महिमा, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में बताते हैं.

व्रत की महिमा

जो भी भक्त इस व्रत को रखता है और भगवान भोले की पूजा उपासना करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने की वजह से मनचाही इच्छा पूरी हो जाती है और भक्तों के जीवन में सुख समृद्धि आती है. इस दिन विवाह संबंधी और संतान संबंधी मनोकामनाएं पूर्ति की जा सकती है. इसके अलावा चन्द्रमा से जुड़ी समस्याओं का भी इस दिन निवारण किया जा सकता है. 

व्रत का मुहूर्त 

त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 20 मई, 3:58 PM. 
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 21 मई, 5:39 PM,
पूजा मुहूर्त- 20 मई को शाम 6:17 बजे से रात 8:28 बजे तक

पूजा विधि

स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद घर के मंदिर को साफ करें और प्रसाद बनाएं. भगवान शिव के समक्ष घी का दीपक जलाएं. उन्हें बेलपत्र और फूल अर्पित करें. अगर आप व्रत रखना चाहते हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर संकल्प लें. संध्या के समय घर के मंदिर में दीपक जलाएं. निकट के शिव मंदिर में जाकर उनकी पूजा करें और ध्यान लगाएं. शिव मंत्र "नमः शिवाय" का जाप करें. इसके बाद प्रदोष व्रत की कथा सुनें और फिर भगवान भोले की आरती करें. इसके बाद किसी भूल चूक के लिए भगवान से माफी मांगें. 

 

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